Saturday, September 19, 2015

ओरल कैंसर: कारण, लक्षण और निवारण के उपाय

सिगरेट, सिगार, तंबाकू, एल्कोहल आदि के ज्यादा इस्तेमाल से होता है माउथ कैंसर। 25 फीसदी से ज्यादा माउथ कैंसर उन लोगों को ही होता है, जो सिर्फ एल्कोहल ज्यादा लेते हैं। इस कैंसर को ओरल कैंसर भी कहा जाता है। यह महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को होता है, लेकिन महिलाओं में होने वाले कैंसर में भी यह तीसरे नंबर पर है। मुंह में एक छोटे-से अल्सर से शुरू होने वाला यह कैंसर इतना खतरनाक होता है कि मरीज़ की जान भी ले सकता है।
माउथ कैंसर के कारण:
  1. स्मोकिंग- सिगरेट, सिगार, हुक्का, इन तीनों चीज़ों के आदी लोगों को एक नॉनस्मोकर के मुकाबले माउथ कैंसर होने का 6 फीसदी ज्यादा खतरा होता है।
  2. तंबाकू- माउथ कैंसर होने का खतरा तंबाकू सूंघने, खाने या चबाने वाले लोगों को उनकी तुलना में 50 फीसदी ज्यादा होता है, जो तंबाकू यूज़ नहीं करते। माउथ कैंसर आम तौर पर गाल, गम्स और होंठों में होते हैं।
  3. एल्कोहल- शराब पीने वालों को माउथ कैंसर होने का खतरा बाकी लोगों से 6 फीसद ज्यादा होता है।
  4. हिस्ट्री- जिन लोगों के परिवार में पहले किसी को माउथ कैंसर रहा हो, ऐसे लोगों को इस कैंसर का ज्यादा खतरा होता है।
  5. सन एक्सपोज़र- यंग एज में धूप में ज्यादा रहने वाले लोगों को भी इस कैंसर का खतरा बना रहता है।
माउथ कैंसर के लक्षण:
  1. होंठ, गम्स और मुंह के अंदर सूजन, सूखे धब्बे पड़ना या स्किन कटना।
  2. मुंह में बैंगनी, लाल या सफेद रंगों के दाग पड़ना।
  3. मुंह में बिना वजह खून निकलना। मुंह के किसी भी हिस्से में दर्द और अकड़न होना।
  4. मुंह के अंदर या बाहर फोड़ा होना। उसमें खून निकलना। इलाज के बावजूद 2 हफ्ते से पहले ठीक न होना
  5. जीभ और जॉ (जबड़ों) से खाना चबाने या टेस्ट करने में दर्द। बोलने या जीभ हिलाने में दर्द होना।
  6. कानों में दर्द होना। गले में अंदर (श्वासनलिका) में फोड़ा या घाव होना। इससे आवाज में बदलाव आना।
  7. वज़न एकदम से कम हो जाना। थकान और बुखार होना।
  8. लगातार गले में कुछ फंसा हुआ महसूस करना।
माउथ कैंसर का इलाज: माउथ कैंसर के ज्यादातर केसेस में काफी देरी से इलाज शुरू होता है, जिससे इस बीमारी से होनेवाली मौतों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। इसके लक्षण धीरे-धीरे ही सामने आते हैं। वहीं, लक्षण सामने आते ही सबसे पहले डॉक्टर ओरल कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट लेता है। इस टेस्ट में अगर कैंसर के लक्षण निकल कर आते हैं, तो इसके बाद डॉक्टर नीचे दिए गए टेस्ट करता है। वहीं, इस इलाज में कई एक्स-रे, MRI (मैग्नेटिक रिज़ोनेंस इमेजिंग) स्कैन, CT (कम्प्यूटराइज़्ड टोमोग्राफी) स्कैन और PET (पोसीट्रोन एमीशन टोमोग्राफी) स्कैन होते हैं।
  1. बायोप्सी: इस टेस्ट में डॉक्टर मरीज के मुंह में से माउथ कैंसर पैदा कर रहे टिश्यू को एक छोटे से चाकू से काट कर निकालता है।
  2. पंच बायोप्सी: अगर मुंह में कैंसर किसी ऐसी जगह पर हो, जहां से उसके टिश्यू आसानी से निकाले जा सकें, जैसे जीभ या गाल पर तो ऐसे टिश्यू को निकालने की तकनीक को पंच बायोप्सी कहते हैं। उस एरिया में सबसे पहले एनेस्थिसिया इन्जेक्ट किया जाता है। फिर उस जगह से कैंसर टिश्यू को साफ किया जाता है।
माउथ कैंसर से बचाव के टिप्स: 
  1. दांतों और मुंह को रोज़ाना सुबह और रात को सोने से पहले अच्छे से साफ करें।
  2. जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, कोल्ड ड्रिंक्स या बाहर की चीज़ें कम खाएं। इसकी जगह हेल्दी और न्यूट्रिशन से भरपूर फल और सब्ज़ियां खाएं।
  3. स्मोकिंग करने और शराब पीने वाले लोगों से दूरी रखें।
  4. प्रदूषित जगहों पर कम से कम जाएं। कीनटाशक, रसायन और कृत्रिम रंगों से बचें।
  5. खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोएं। खाना भी अच्छी तरह धोकर ही बनाएं। साफ-सफाई रखें।
  6. तेल, घी, नमक, चीनी आदि का इस्तेमाल कम करें।
  7. होंठों पर होने वाला कैंसर सूरज की रोशनी से होता है। इसीलिए मुंह को धूप से बचा कर रखें। अल्ट्रावायलेट किरणों से बचने के लिए सनक्रीम आदि भी लगाएं।
  8. साल में कम से कम एक बार मुंह की जांच जरूर कराएं।
  9. दांत और मसूड़ों या गले के अंदर कोई भी बदलाव नज़र आए तो डॉक्टर से जरूर जांच करवाएं।
  10. अगर आप तंबाकू, सिगरेट या एल्कोहल का सेवन करते हैं, तो इन्हें पूरी तरह से छोड़ दें। 
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साभारभास्कर समाचार 
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