हरियाणा में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के प्रतिभावान विद्यार्थियों को मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर दाखिला मिल सकेगा। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने शनिवार को यह घोषणा करते हुए कहा कि निजी स्कूलों के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा नियम-2003 के अधीन नियम-134 ए के तहत दूसरी कक्षा से 12वीं तक 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रदेश सरकार केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में पहली कक्षा में तय 25 प्रतिशत सीटों के कोटे की प्रतिपूर्ति के लिए राज्य सरकार की ओर से निजी प्राइवेट स्कूलों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता के लिए अनुदान जारी करने का अनुरोध करेगी। शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि दूसरी कक्षा से 8वीं तक पढ़ने वाले गरीब विद्यार्थियों से निजी स्कूलों द्वारा कोई फीस व फंड नहीं लिया जाएगा। हालांकि 9वीं से 12वीं तक पढ़ने वाले गरीब विद्यार्थियों से ऐसे स्कूल केवल वही फीस व फंड ले सकेंगे, जो राजकीय विद्यालयों में लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों की शिक्षा पर होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति हरियाणा सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित दरों पर निजी स्कूलों को की जाएगी। शर्मा ने बताया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत सभी निजी स्कूलों में कमजोर वर्गों के विद्यार्थियों के लिए पहले से ही पहली कक्षा के लिए 25 प्रतिशत सीटों के आरक्षण का प्रावधान है। बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार केंद्र से आरटीई अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को आरक्षित सीटों के लिए राज्य सरकार द्वारा की जाने वाली प्रतिपूर्ति में वित्तीय सहायता के लिए अनुदान जारी करने का अनुरोध करेगी।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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