प्रदेश भर के स्कूली प्राध्यापक अपने पद नाम को लेकर भ्रम की स्थिति में हैं। कभी पीजीटी तो कभी स्कूल प्राध्यापक का नाम इन्हें दिया जा रहा है। एक साल पहले पीजीटी से बदलकर स्कूल प्राध्यापक पद नाम करने के बावजूद आज तक इससे संबंधित गजट नोटिफिकेशन सरकार की तरफ से जारी नहीं किया सका है, ऐसे में आज
भी प्रदेश भर के स्कूली प्राध्यापकों में अपने पद नाम को लेकर काफी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। काबिल-ए-जिक्र है कि प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2012 में नई शिक्षा नीति को लागू करते समय त्रि स्तरीय प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया था। ऐसे में पहली से पांचवीं को पीआरटी, छठीं से आठवीं को टीजीटी तथा नौवीं से बारहवीं को पीजीटी पद नाम दे दिया था। इसका स्कूल प्राध्यापकों ने विरोध करना शुरू कर दिया था और सरकार से मांग की थी कि उनका पद पीजीटी की बजाय स्कूल लेक्चरार ही रखा जाए।1इसके लिए हरियाणा स्कूल लेक्चरार एसोसिएशन ने आंदोलन भी किया। इसके मद्देनजर वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पीजीटी का पद नाम बदलकर फिर से स्कूल लेक्चरार कर दिया था और बाकायदा शिक्षा विभाग की तरफ से पद नाम बदले जाने को लेकर पत्र भी जारी किया था। साथ ही कहा गया था कि पद नाम से संबंधित गजट नोटिफिकेशन को बाद में जारी कर दिया जाएगा, लेकिन उसके बाद तुरंत ही प्रदेश में आचार संहिता लग गई। पुराने स्कूल लेक्चरार चाहते हैं कि उनका पद नाम स्कूल लेक्चरार ही रहे जबकि हाल ही में ज्वाइन किए गए स्कूल प्राध्यापक चाहते हैं कि उन्हें कोई भी नाम दे दिया जाए। नए स्कूल प्राध्यापकों की भर्ती पीजीटी के नाम से हुई है जबकि पुरानों की भर्ती स्कूल लेक्चरार के नाम से हुई थी। ऐसे में फिलहाल स्कूल प्राध्यापक इस मामले से संबंधित गजट नोटिफिकेशन की मांग पर अड़े हुए हैं। बार-बार बदल रही त्रिस्तरीय प्रणाली को लेकर भी विभाग व सरकार पर सवाल उठते रहे हैं।
भी प्रदेश भर के स्कूली प्राध्यापकों में अपने पद नाम को लेकर काफी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। काबिल-ए-जिक्र है कि प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2012 में नई शिक्षा नीति को लागू करते समय त्रि स्तरीय प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया था। ऐसे में पहली से पांचवीं को पीआरटी, छठीं से आठवीं को टीजीटी तथा नौवीं से बारहवीं को पीजीटी पद नाम दे दिया था। इसका स्कूल प्राध्यापकों ने विरोध करना शुरू कर दिया था और सरकार से मांग की थी कि उनका पद पीजीटी की बजाय स्कूल लेक्चरार ही रखा जाए।1इसके लिए हरियाणा स्कूल लेक्चरार एसोसिएशन ने आंदोलन भी किया। इसके मद्देनजर वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पीजीटी का पद नाम बदलकर फिर से स्कूल लेक्चरार कर दिया था और बाकायदा शिक्षा विभाग की तरफ से पद नाम बदले जाने को लेकर पत्र भी जारी किया था। साथ ही कहा गया था कि पद नाम से संबंधित गजट नोटिफिकेशन को बाद में जारी कर दिया जाएगा, लेकिन उसके बाद तुरंत ही प्रदेश में आचार संहिता लग गई। पुराने स्कूल लेक्चरार चाहते हैं कि उनका पद नाम स्कूल लेक्चरार ही रहे जबकि हाल ही में ज्वाइन किए गए स्कूल प्राध्यापक चाहते हैं कि उन्हें कोई भी नाम दे दिया जाए। नए स्कूल प्राध्यापकों की भर्ती पीजीटी के नाम से हुई है जबकि पुरानों की भर्ती स्कूल लेक्चरार के नाम से हुई थी। ऐसे में फिलहाल स्कूल प्राध्यापक इस मामले से संबंधित गजट नोटिफिकेशन की मांग पर अड़े हुए हैं। बार-बार बदल रही त्रिस्तरीय प्रणाली को लेकर भी विभाग व सरकार पर सवाल उठते रहे हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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