प्रदेश के करीब 9 लाख विद्यार्थियों का भविष्य पंचायत चुनावों में उलझकर रह गया है। प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं होंगी या नहीं, इस असमंजस में फंस गए हैं। प्रदेश के इन विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर शायद सरकार व प्रशासन ने चिंता करना छोड़ दिया है। इससे शिक्षक वर्ग में भी असंतोष की स्थिति है। कयास लगाए जा रहे थे कि पंचायत चुनाव टलने से प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए रास्ता साफ हो गया है, लेकिन इन
कयासों पर भी बोर्ड प्रशासन ने विराम लगा दिया है और वैसे भी यदि अब पूर्व निर्धारित शेड्यूल पर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं संचालित की जाती हैं तो भी इसका सबसे बड़ा खामियाजा प्रदेश के करीब 9 लाख छात्रों को भुगतना होगा। क्योंकि पंचायत चुनावों की घोषणा के बाद प्रथम सेमेस्टर परीक्षाओं के स्थगित किए जाने की सूचनाओं के बाद प्रदेश के अधिकांश छात्र परीक्षाओं को लेकर की जाने वाली तैयारी को छोड़ चुके हैं। वैसे भी पंचायत चुनाव टलने की स्थिति में भी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं का संचालन निर्धारित शेड्यूल पर करवाना संभव नहीं है। क्योंकि पूर्व निर्धारित शेड्यूल के अनुसार प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं 29 सितंबर से 21 अक्टूबर तक संचालित की जानी थी। जबकि सरकार अभी तक कोई फैसला नहीं कर पाई है और यदि 25 सितंबर तक भी कोई फैसला नहीं हुआ तो छात्रों को तैयारी करने के लिए 3 दिन का भी समय नहीं मिलेगा। वैसे भी नवंबर माह में शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने हरियाणा पात्रता परीक्षा संचालित करने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा हुआ है। यदि एचटेट नवंबर माह में करवाना तय होता है तो सेमेस्टर परीक्षाएं करवाने के बाद शिक्षा बोर्ड के लिए यह परीक्षा करवाना संभव नहीं है। हालांकि ये दोनों महत्वपूर्ण फैसले प्रदेश सरकार को करने हैं पर इन पर सरकार की ओर से इस महत्वपूर्ण फैसले को लेकर ढिलाई समझ से परे है। शिक्षाविद् डॉ. डीपी कौशिक ने कहा कि प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं अब करवाने से छात्रों को नुकसान होगा। क्योंकि पंचायत चुनावों की घोषणा के चलते उनकी तैयारियां नहीं हो पाई हैं। ऐसे में यदि अचानक परीक्षाएं संचालित की जाएंगी तो उनके परीक्षा परिणाम पर प्रभाव पड़ना तय है।
कयासों पर भी बोर्ड प्रशासन ने विराम लगा दिया है और वैसे भी यदि अब पूर्व निर्धारित शेड्यूल पर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं संचालित की जाती हैं तो भी इसका सबसे बड़ा खामियाजा प्रदेश के करीब 9 लाख छात्रों को भुगतना होगा। क्योंकि पंचायत चुनावों की घोषणा के बाद प्रथम सेमेस्टर परीक्षाओं के स्थगित किए जाने की सूचनाओं के बाद प्रदेश के अधिकांश छात्र परीक्षाओं को लेकर की जाने वाली तैयारी को छोड़ चुके हैं। वैसे भी पंचायत चुनाव टलने की स्थिति में भी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं का संचालन निर्धारित शेड्यूल पर करवाना संभव नहीं है। क्योंकि पूर्व निर्धारित शेड्यूल के अनुसार प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं 29 सितंबर से 21 अक्टूबर तक संचालित की जानी थी। जबकि सरकार अभी तक कोई फैसला नहीं कर पाई है और यदि 25 सितंबर तक भी कोई फैसला नहीं हुआ तो छात्रों को तैयारी करने के लिए 3 दिन का भी समय नहीं मिलेगा। वैसे भी नवंबर माह में शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने हरियाणा पात्रता परीक्षा संचालित करने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा हुआ है। यदि एचटेट नवंबर माह में करवाना तय होता है तो सेमेस्टर परीक्षाएं करवाने के बाद शिक्षा बोर्ड के लिए यह परीक्षा करवाना संभव नहीं है। हालांकि ये दोनों महत्वपूर्ण फैसले प्रदेश सरकार को करने हैं पर इन पर सरकार की ओर से इस महत्वपूर्ण फैसले को लेकर ढिलाई समझ से परे है। शिक्षाविद् डॉ. डीपी कौशिक ने कहा कि प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं अब करवाने से छात्रों को नुकसान होगा। क्योंकि पंचायत चुनावों की घोषणा के चलते उनकी तैयारियां नहीं हो पाई हैं। ऐसे में यदि अचानक परीक्षाएं संचालित की जाएंगी तो उनके परीक्षा परिणाम पर प्रभाव पड़ना तय है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.