Wednesday, September 23, 2015

फर्जीवाड़ा करके पैसा बटोरने वाली पर्ल्स कंपनी पर 7200 करोड़ का जुर्माना

पूंजी बाजार के नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पीएसीएल लिमिटेड (पहले की पर्ल एग्रोटेक कारपोरेशन लि.) पर अब तक सबसे बड़ा, 7,269.5 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है। सेबी ने कहा है कि इस कंपनी ने जनता के साथ धोखा किया है इसलिए इस पर इतना ज्यादा जुर्माने की गुंजाइश बनती है। सेबी के 42 पन्ने के एक आदेश के मुताबिक पीएसीएल ने अवैध तरीके से जनता से भारी रकम जुटाई थी तो एक साल से कम अवधि में ही इसने 2,423 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा अर्जित किया। सेबी ने कहा है कि सभी तथ्यों एवं परिस्थितियों पर गौर करने के बाद सेबी ने पीएसीएल पर अब तक का सर्वाधिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि एक साल पहले ही सेबी ने पीएसीएल को जनता से जमा किए गए 49,100 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया था। सेबी की जांच से स्पष्ट हुआ है कि पीएसीएल और इसके चार निदेशकों तरलोचन सिंह, सुखदेव सिंह, गुरमीत सिंह एवं सुब्रत भट्टाचार्य ने आम जनता से पैसे जुटाये, वह भी भ्रामक निवेश योजनाओं के जरिये। यही नहीं, लोगों से कृषि भूमि की खरीद और उसके विकास के नाम पर भी पैसे बटोरे गए। गैरकानूनी रूप से निवेशकों से धन जमा करने के मामले में अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना लगाने का कारण बतातेे हुए सेबी ने कहा है कि इस तरह से बड़े पैमाने पर कंपनी ने जो आम जनता को ठगा है, इस तरह का उदाहरण अन्यत्र नहीं मिलता। इसलिए कंपनी पर इतना बड़ा जुर्माना लगाया गया है। पूंजी बाजार नियामक का कहना है कि इस तरह की ठगी के मामले आमतौर पर नहीं दिखते जिसमें अवैध तरीके से योजनाएं चला कर जनता को भरमाया गया है। इस लुभावने ऑफर को देख कर लोगों ने अपने खून-पसीने की गाढ़ी कमाई कंपनी को सौंप दी। अंतत: निवेशक ठगे गए। सेबी का कहना है कि इस तरह का भारी जुर्माना लगाना समय की मांग है। उल्लेखनीय है कि सेबी के प्रावधानों के तहत इसे 25 करोड़ रुपये या अवैध तरीके से अर्जित की गई राशि पर बनाये गए मुनाफे की तीन गुना रकम तक जुर्माना लगाने का अधिकार है। इस आदेश से करीब एक साल पहले भी सेबी ने पीएसीएल लिमिटेड की मनी पूलिंग स्कीम पर रोक लगा दी थी। उस समय कहा गया था कि कंपनी ने जो करीब 50 हजार करोड़ की रकम जुटाई है वह तीन महीने के अंदर निवेशकों को लौटाई जाए। उस समय सेबी ने पीएसीएल की स्कीम पर रोक लगाने के साथ ही फर्जीवाडे़ और और नियमों का उल्लंघन करते हुए कारोबार के अनुचित तरीके अपनाने को लेकर कंपनी के नौ प्रमोटरों और निदेशकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कार्रवाई शुरू करने की भी बात कही थी।
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साभारअमर उजाला समाचार 

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