हरियाणा में डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी स्कूलों के साथ निजी स्कूल संचालकों को भी निर्देश जारी कर दिए हैं। निजी स्कूलों में भी डेंगू के सीजन के दौरान बच्चों को फुल बाजू के कपड़े पहनने केआदेश दिए गए हैं। जो स्कूल ड्रेस कोड की बात कह कर इस बात से किनारा करेंगे, उन स्कूल संचालकों से सख्ती से निपटा जाएगा। यह जानकारी यहां स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दी। उन्होंने कहा कि कुछ निजी स्कूल ड्रेस कोड की बात कह कर उनकी बात पर एतराज व्यक्त कर सकते हैं, लेकिन डेंगू के दौरान इमरजेंसी की स्थिति को देखते हुए उन्हें इस काम में सहयोग देना होगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा के सभी जिलों में एक दिन लोगों को कूलर का पानी निकालने केलिए कहा गया है। इस संदर्भ में भी स्वास्थ्य विभाग एडवाइजरी जारी कर रहा है। उन्होंने बताया कि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जनों को डेंगू से निपटने के सभी उपायों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। पहले से गठित त्वरित प्रतिक्रिया दलाें को सक्रिय किया जा रहा है। इस मामले में किसी भी असाधारण बढ़ोतरी या बीमारी फैलने से रोकने के लिए प्रभावित क्षेत्रोें में उनका निरन्तर दौरा सुनिश्चित किया जाए। अधिकारियाें को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में फॉगिंग करवाना और सभी सेंटीनल सर्वेलैंस हॉस्पिटल (एसएसएच) को पर्याप्त टेस्टिंग किट उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। जहां पर एसएसएच स्थापित नहीं हैं, वहां डेंगू परीक्षण के लिए जिले में ब्लड बैंक में उपलब्ध एलाइजा रीडर और वाशर का उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि 1 से 5 दिनोें के संक्रमण का पता लगाने के लिए स्थानीय स्तर पर एनएस एक एंटीजेन किट की नियमानुसार खरीद की जाए। पांच दिनों से अधिक के संक्रमण का पता लगाने के लिए एनआईवी पुणे से आईजीएम टैस्ट किट्स की मांग की जा सकती है या इन्हें निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं (मलेरिया) को सूचित करके नजदीकी एसएसएच से प्राप्त किया जा सकता है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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