Saturday, September 26, 2015

दस हजार से शुरू हुई 'फ्लिपकार्ट' सात साल में बनी छह हजार करोड़ की कंपनी

यूजर्स जब ऑनलाइन कोई प्रोडक्ट खासकर इलेक्ट्रॉनिक या गैजेट्स खरीदता है, तो वो भारत की पॉपुलर वेबसाइट जैसे फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, अमेजन को सबसे पहले देखता है। इन साइट पर प्रोडक्ट की बेहतर क्वालिटी के साथ उसकी कीमत यूजर के बजट में होती है। यूजर्स के इसी विश्वास ने फ्लिपकार्ट के संस्थापक सचिन बंसल और बिन्नी बंसल को नए मुकाम पर पहुंचा दिया है। दरअसल, फोर्ब्स की सबसे अमीर भारतीयों की सूची में ये दोनों भी शामिल हो गए हैं। सचिन और बिन्नी हर एक की नेटवर्थ 8,580 करोड़ रुपए है। सूची में कुल 100 नाम हैं। सचिन और बिन्नी 86वें स्थान पर हैं। यह पहली बार है जब किसी ई-कॉमर्स कंपनी के संस्थापक को इसमें जगह मिली है। सभी 100 अमीरों की कुल नेटवर्थ 22,77,000 करोड़ रुपए है। यह पिछले साल से 6,600 करोड़ कम है।
10 हजार में शुरू की थी कंपनी: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली से पढ़ाने करने वाले सचिन और बिन्नी ने फ्लिपकार्ट की शुरुआत अक्टूबर 2007 में की थी। शुरू में इसका नाम फ्लिपकार्ट ऑनलाइन सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड था। इतना ही नहीं, ये सिर्फ बुक्स सेलिंग का काम करते थे। दोनों इस कंपनी को शुरू करने से पहले अमेजन डॉट कॉम के साथ काम कर चुके थे। सचिन और बिन्नी बताते हैं कि दोनों ने सिर्फ 10 हजार रुपए से अपनी कंपनी को शुरू किया था, जो आज 1 बिलियन डॉलर यानी 6100 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। इतना ही नहीं, आज इस कंपनी में 33 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं।
शुरू के 10 दिन कुछ नहीं बिका: सचिन और बिन्नी ने अपनी कंपनी की शुरुआत बेंगलुरु से की थी। दोनों ने 2-2 लाख रुपए मिलाकर एक अपार्टमेंट में 2 बैडरूम वाला फ्लैट किराए पर लिया और 2 कम्प्यूटर के साथ कंपनी शुरू की। हालांकि, कंपनी शुरू करने के 10 दिन तक कोई सेल नहीं हुई। इसके बाद, आंध्र प्रदेश के एक कस्टमर ने पहला ऑर्डर बुक किया। ये एक किताब थी जिसका नाम 'Leaving Microsoft to Change the World' और राइटर जॉन वुड थे। बीते सालों में फ्लिपकार्ट फर्श से अर्श पर पहुंच चुकी है और बेंगलुरु में कंपनी के कई ऑफिस हैं।
सरनेम एक, लेकिन रिश्ता नहीं: सचिन बंसल और बिन्नी बंसल इन दोनों नाम को सुनकर ऐसा लगता है कि ये भाई होंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। दोनों के सरनेम भले ही एक हैं, लेकिन दोनों सिर्फ बिजनेस पार्टनर हैं। इन दोनों में कुछ समानताएं और भी हैं, जैसे दोनों चंडीगढ़ के रहने वाले हैं और दोनों की स्कूलिंग सेंट ऐनी कॉन्वेंट स्कूल, चंडीगढ़ से हुई हैं। इतना ही नहीं, दोनों इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली से साथ पढ़े हैं। सचिन ने साल 2005 में IIT करने के बाद एक कंपनी टेकस्पेन ज्वाइन कर ली थी। जहां सिर्फ कुछ महीने ही काम किया। इसके बाद, उन्होंने अमेजन में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजिनियर के तौर पर काम किया। साल 2007 में दोनों ने अपनी कंपनी फ्लिपकार्ट को शुरू किया।

इस तरह बढ़ा कंपनी का कद:
साल
उपलब्धि
2010
सोशल बुक डिस्कवरी के लिए WeRead टूल शुरू किया।
2011
कंपनी ने डिजिटल कंटेंट प्लेटफॉर्म Mime360 शुरू किया।
2011
Chakpak.com के साथ काम किया। इसके जरिए बॉलीवुड से जुड़ी खबरें, फोटो और वीडियो यूजर्स को उपलब्ध होते थे।
2012
इलेक्ट्रॉनिक्स सेल करने वाली ई-रिटेलर Letsbuy.com को एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्लिपकार्ट इसे 25 मिलियन डॉलर में खरीद लिया।
2014
Myntra.com के साथ 20 मिलियन करीब 2000 करोड़ की डील की।
2015
फ्लिपकार्ट मोबाइल सेलिंग की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स साइट बन गई।
क्या बेचती है फ्लिपकार्ट: ई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट गैजेट्स के साथ इलेक्ट्रॉनिक, होम अप्लायंस, क्लॉथ, किचिन अप्लायंस, ऑटो एंड स्पोर्ट्स एक्सेसरीज, बुक्स एंड मीडिया, ज्वैलरी के साथ अन्य प्रोडक्ट भी सेल करती है। इस साइट की खास बात ये है कि ज्यादातर प्रोडक्ट्स पर बिग डिस्काउंट मिलता है। वहीं, यूजर्स के पास शॉपिंग के लिए कैश ऑन डिलिवरी, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, ई-गिफ्ट बाउचर, कूपन कोड जैसे कई ऑप्शन मौजूद होते हैं। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारभास्कर समाचार 
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