Monday, September 28, 2015

प्रदेश सरकार की घोषणा से निजी स्कूल आहत

हरियाणा सरकार की शिक्षा नीति 2015 में कई अहम फैसले लिए जाने के बाद इसे लेकर विरोध भी शुरू हो गए हैं। फैसले में शामिल एक बिंदु 134ए के तहत पढ़ने वाले बच्चों का भी है, जिसमें सरकार ने कक्षा दो से 12 तक के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने की एवज में प्रतिमाह कम फीस वसूलने की बात कही है। इसे लेकर निजी स्कूल प्रबंधकों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। सरकार के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा है कि इस प्रकार का निर्णय निजी स्कूलों के साथ मजाक है। शर्मा पिछले चार दिनों से गोआ में आल इंडिया कॉन्फ्रेंस में इसी नीति को लेकर दक्षिण भारत के कई राज्यों के प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत राजस्थान में 1700 रुपये और उत्तराखंड में 1300 रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से फीस अदा की जा रही है। हरियाणा में मात्र 200 से 400 रुपये देकर सरकार अपनी वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है। यह उन्हें किसी भी तरह से मंजूर नहीं है। क्योंकि हरियाणा सरकार में बिजली, पानी कॉमर्शियल रेट पर स्कूलों में लगाई गई है। यह हरियाणा में सबसे महंगी है। स्कूलों पर संपत्ति कर भी भारी-भरकम लगाया गया है। हाल में ही बसों में सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस कैमरा लगवाने का आदेश भी सरकार दे चुकी है।
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साभारअमर उजाला समाचार 

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