Thursday, September 17, 2015

स्मार्ट सिटी के बाद अब होगी स्मार्ट गाँव की कवायद

केंद्र सरकार ने देश के गांवों को भी शहरों की तरह स्मार्ट बनाने की योजना को अमली जामा पहनाने की तैयारी कर ली है। इस प्रयास के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न कैबिनेट की बैठक में श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) को मंजूरी मिल गई है। सरकार का कहना है कि 5142.08 करोड़ रुपये की इस योजना के जरिये गांवों का सामाजिक, आर्थिक और बुनियादी विकास कर उन्हें शहर की तरह स्मार्ट बनाया जाएगा। हालांकि, यह योजना सांसद आदर्श ग्राम योजना की तर्ज पर ही है। उसमें हर सांसद को एक गांव चुनने का अधिकार था। मगर रूर्बन मिशन के जरिये गांवों को जोड़कर ग्राम समूहों यानी क्लस्टर के तौर पर उसका विकास किया जाएगा। पहली बार में देश भर से 300 क्लस्टर को स्मार्ट बनाने का लक्ष्य रखा गया है। यह काम अगले तीन साल में पूरा किया जाना है। इसके बाद सरकार इस योजना को देश भर में लागू करेगी। इन क्लस्टर्स के लिए पंचायत स्तर की विभिन्न योजनाओं के जरिए फंडिंग की जाएगी और अगर कोई कमी रह जाती है तो योजना खर्च के लिए केंद्र सरकार 30 प्रतिशत तक की राशि उपलब्ध कराएगी। योजना को मूर्त देने का काम राज्य और जिला प्रशासन के कंधे पर होगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत चलने वाली इस मिशन को सफल बनाने के लिए मंत्रालय ने गांवों के चयन के लिए वैज्ञानिक तकनीक अपनाने का निर्णय लिया है। क्लस्टर बनाते वक्त उसके भौगोलिक, आर्थिक, पर्यटन, तीर्थ स्थल और यातायात व्यवस्था जैसे पहलुओं पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। इनका आकलन करने के बाद गांवों के समूह की सूची ग्रामीण विकास मंत्रालय के जरिये राज्य और जिला प्रशासन को भेजी जाएगी। रूर्बन मिशन के तहत इन क्लस्टर्स के विकास की कार्य योजना राज्य के जरिये बनाई जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से इन गांवों के विकास के लिए 14 महत्वपूर्ण बिंदु होंगे। 
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साभारअमर उजाला समाचार 

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