Friday, April 12, 2019

भारत को 'NATO सहयोगी देश' का दर्जा देने की तैयारी में अमेरिका, संसद में अहम बिल पेश

साभार: जागरण समाचार 
अमेरिकी संसद में करीब आधा दर्जन प्रभावशाली सांसदों ने अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक अहम बिल पेश किया है। अगर यह बिल लागू होता है तो अमेरिकी विदेश विभाग
भारत को नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) के सहयोगी का दर्जा देगा। 'अमेरिका ऑ‌र्म्स एक्सपोर्ट कंट्रोल एक्ट' में भारत को नाटो सहयोगी देश के तौर पर तरजीह मिलेगी।
भारत को 'नाटो सहयोगी देश' का दर्जा देने की तैयारी में अमेरिका, संसद में अहम बिल पेशइस विधेयक पर काम कर रहे यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम के मुताबिक, यह इस बात का प्रभावपूर्ण संकेत होगा कि रक्षा सौदों में भारत अमेरिका की प्राथमिकता में है। पिछले सप्ताह सांसद जो विल्सन ने बिल एचआर 2123 पेश किया था, वह 'हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी' के वरिष्ठ सदस्य हैं। विल्सन ने कहा, 'भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और क्षेत्र में स्थिरता का अहम स्तंभ है। भारत ने निर्यात नियंत्रण की नीतियों पर हमेशा प्रतिबद्धता दिखाई है।'
उन्होंने कहा, यूएस कानून में यह संशोधन भारतीय-प्रशांत क्षेत्र में यूएस-भारत की साझेदारी को सुरक्षा प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा। मैं यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआइएसपीएफ) को शुक्रिया अदा करता हूं जिसने इस विधेयक में अपना सहयोग दिया है। इस विधेयक को समर्थन देने वालों में एमी बेरा (यूएस कांग्रेस में सबसे ज्यादा लंबे समय तक सेवा देने वाले भारतीय-अमेरिकी) और जॉर्ज होल्डिंग (हाउस इंडिया कॉकस के उपाध्यक्ष), ब्रैड शेरमैन, तुलसी गबार्ड और टेड योहो का नाम शामिल है।
नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (एनडीएए), 2017 में भारतीय-अमेरिकी रक्षा साझेदारी को देखते हुए भारत को यूएस के 'प्रमुख रक्षा सहयोगी' का दर्जा दिया गया था। इसमें भी भारत के साथ व्यापार और तकनीक साझा करने पर विशेष सहयोग और प्राथमिकता देने की बात कही गई थी। यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआइएसपीएफ) ने कहा, यह बदलाव भारत-अमेरिकी के रिश्तों को संस्थागत रूप देगी और एक मजबूत नींव बनेगी जिस पर दोनों देश अपनी रक्षा साझेदारी की ऊंची इमारत खड़ी कर पाएंगे।
यूएसआइएसपीएफ ने अपने बयान में कहा कि भले ही यह देखने में ताकतवर लगे लेकिन एनडीएए वर्ष 2017 में भारत को रक्षा क्षेत्र में ज्यादा तरजीह देने को लेकर किसी भी तरह की कानूनी बाध्यता नहीं थी। गौरतलब है कि अभी तक नाटो के सहयोगी देश का दर्जा इजरायल, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और जापान को मिला हुआ है। एनडीएए वर्ष 2017 के मूल उद्देश्य को पूरा करने के लिए ऑ‌र्म्स एक्सपोर्ट एक्ट में संशोधन किया जाएगा। ताकि भारत नाटो के सहयोगी देशों की कतार में आ सके।
यूएसआइएसपीएफ के अध्यक्ष मुकेश अघि ने कहा कि वह कांग्रेस के विल्सन के नेतृत्व में इस विधेयक को फिर से पेश करने की सराहना करते हैं। वह आश्वस्त हैं कि यूएस कांग्रेस उन विधेयकों को लागू करती रहेगी जिनसे भारत-अमेरिका के द्वपक्षीय रिश्ते मजबूत हों। कांग्रेस के सदस्य भारत के साथ मजबूत रिश्तों की रणनीतिक अहमियत को समझते हैं।
यूएसआइएसपीएफ के अध्यक्ष जॉन चैम्बर्स ने कहा कि यह विधेयक अमेरिका-भारत के रक्षा साझेदारी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा। वह अध्यक्ष के तौर पर इस कदम का समर्थन करते हैं क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच की रणनीतिक साझेदारी मजबूत होगी। भारत-अमेरिकाके रिश्तों का भविष्य सुनहरा है और हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही यह विधेयक लागू कर दिया जाएगा।