साभार: जागरण समाचार
लिट्टे के साथ गृहयुद्ध के खात्मे के बाद एक दशक से शांत श्रीलंका रविवार को एक के बाद एक आठ धमाकों व आत्मघाती हमलों से दहल उठा। ईसाइयों के पर्व ईस्टर के मौके पर विभिन्न चर्च और पांच सितारा होटलों को
निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमलों में कम से कम 215 लोगों की मौत हो गई और 500 अन्य घायल हो गए। मरने वालों में 27 विदेशी हैं। मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसे श्रीलंका के इतिहास में सबसे भयावह हमला माना जा रहा है। सरकार ने पूरे देश में कफ्यरू लगा दिया है। पोप फ्रांसिस और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्व के प्रमुख नेताओं ने इस कायराना हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है।
पुलिस प्रवक्ता रवान गुणसेकरा ने बताया कि छह धमाके सुबह 8:45 बजे लगभग एक ही समय पर हुए। देश में उस समय ईस्टर की तैयारियां जोरों पर थीं लेकिन धमाकों के कारण पूरा देश गम में डूब गया। सातवां और आठवां धमाका दोपहर बाद हुआ। पहला धमाका कोलंबो के सेंट एंथनी चर्च और पश्चिमी कस्बे नेगोंबो के सेंट सेबेस्टियन चर्च में हुआ। इसके बाद कोलंबो के तीन होटलों और फिर बट्टीकलोआ के एक चर्च में धमाके हुए। अधिकारियों ने अभी 207 लोगों के मरने की पुष्टि की है। श्रीलंका सरकार ने पूरे देश में अगले आदेश तक के लिए कफ्यरू लगा दिया। अफवाहों को फैलने से बचाने के लिए सोशल मीडिया पर भी अस्थायी रोक लगा दी गई है। हालात को देखते हुए सभी पुलिसकर्मियों, चिकित्सकों, नर्सो और स्वास्थ्य अधिकारियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। स्कूल, कॉलेज भी अगले आदेश तक बंद रहेंगे। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महंिदूा राजपक्षे ने हमले को कायराना बताया है। उन्होंने कहा कि देश फिर ऐसी ¨हसा बर्दाश्त नहीं कर सकता। हम एक होकर इसका मुकाबला करेंगे।