साभार: अमर उजाला समाचार
दो साध्वियों से दुष्कर्म मामले में सजा काट रहा सिरसा डेरा सच्चा सौदा का मुखिया गुरमीत सिंह उर्फ़ राम रहीम 30 दिन के लिए जेल से बाहर आना चाहता है। इसके लिए उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
दरअसल, बाबा ने गोद ली बेटी की 10 मई को होने वाली शादी में शामिल होने के लिए अपनी सजा एक माह के लिए निलंबित करने की अपील की है।
उसकी याचिका पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को तथ्यों की जांच करके रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही हरियाणा सरकार को जमानत की स्थिति में राज्य की कानून व्यवस्था के बारे में रिपोर्ट सौंपने के आदेश देते हुए सुनवाई 1 मई तक स्थगित कर दी है। डेरामुखी गुरमीत सिंह राम-रहीम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके बताया है कि गुरांश जब महज छह वर्ष की थी तो उसके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उसने गुरांश को गोद ले लिया और उसकी पूरी परवरिश की। गुरांश के स्कूली दस्तावेजों, आधार कार्ड और अन्य सभी दस्तावेजों में पिता के नाम पर उसका ही नाम दर्ज है। अब 10 मई को गुरांश की शादी है और सात मई को रिंग सेरेमनी है। ऐसे में गुरांश का पिता होने के नाते याचिकाकर्ता को ही उसका कन्यादान करना है। इसके अलावा भी अन्य कई कार्यक्रम हैं, जिसमें याचिकाकर्ता का शामिल होना बेहद जरूरी है। राम रहीम ने बताया कि विवाह समारोह के निमंत्रण पत्र भी छप चुके हैं। उसे पिता होने के सभी फर्ज पूरे करने हैं। इसलिए सजा को एक महीने के लिए निलंबित कर बेटी के विवाह और अन्य कार्यक्रमों में उसे शामिल होने की अनुमति दी जाए।
सुनारिया जेल में बंद है डेरामुखी: साध्वी यौन शोषण मामले में सीबीआई अदालत ने वर्ष 2017 में डेरा मुखी गुरमीत सिंह राम-रहीम को 20 वर्ष की सजा सुनाई थी। सीबीआई अदालत डेरामुखी को इस वर्ष जनवरी माह में पत्रकार छत्रपति की हत्या में दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है। डेरामुखी फिलहाल हरियाणा के रोहतक जिले की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है।