साभार: जागरण समाचार
तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, आखिर दाखिले कब होंगे। यहां कोई अदालती कार्यवाही नहीं चल रही है, बल्कि यह गरीब बच्चों के भविष्य का सवाल है। ये शब्द नियम-134ए के तहत दाखिले में हो रही देरी से गुस्साए
अभिभावकों ने शनिवार को बीईओ दफ्तर में कहे।
इस दौरान अभिभावकों का गुस्सा उफान पर रहा। शिक्षा विभाग द्वारा दोबारा ऑनलाइन स्कूलों का विकल्प भरने के लिए कह दिया है। मगर जब अभिभावक विकल्प भरने के लिए साइबर कैफे पहुंचे तो साइट पर स्कूलों की सीट खाली दिखाई दे रही थी। इसके बाद अभिभावक मॉडल टाउन स्थित बीईओ कार्यालय पहुंचे और शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। बच्चों का दाखिला लेट होने के कारण अभिभावकों का गुस्सा सातवें आसमान पर था, इसलिए वह अधिकारी से भी उलझ गए।
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने शुक्रवार की दोपहर बाद पत्र जारी कर बताया कि अब उनके पास सभी निजी स्कूलों की सीटों का ब्योरा पहुंचा है। इसलिए अब अभिभावकों को दोबारा अपनी पसंद के स्कूल ऑनलाइन चुनने होंगे। इसकी समयसीमा भी सिर्फ 29 अप्रैल की शाम छह बजे तक रखी गई। इसलिए कुछ अभिभावक शुक्रवार की शाम जबकि कुछ शनिवार की सुबह ही साइबर कैफे पहुंचे। मगर उन्हें यहां निराशा ही हाथ लगी। क्योंकि यहां सभी मुख्य स्कूलों की सीटें खाली दिखाई दे रही थी। इसके बाद वह बीईओ दफ्तर पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान काफी अभिभावक बीईओ दफ्तर में घुस गए और अधिकारी सवाल करने लगे। अधिकारी के कई बार समझाने के बावजूद उनका गुस्सा कम नहीं हुआ और वह दोपहर बाद तक दफ्तर में ही डटे रहे।
- सभी स्कूलों की लिस्ट विभाग के पास पहुंचने के बाद विकल्प भरने को कहा गया है ताकि सभी को अपनी पसंद का स्कूल मिल सके। साइट में तकनीकी गड़बड़ी की वजह से सीटें शून्य दिख रही होंगी। इस दिशा में काम चल रहा है और जल्द ही साइट सामान्य हो जाएगी। यह दिक्कत प्रदेश स्तर से ही हो रही है। अभिभावकों को चिंता नहीं करनी चाहिए। जल्द ही सभी पात्र बच्चों को स्कूल अलॉट होंगे। - पुष्पा शर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी, सोनीपत।