साभार: जागरण समाचार
चुनावी घमासान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक गैर-राजनीतिक साक्षात्कार ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। सुपरस्टार अक्षय कुमार ने प्रधानमंत्री का साक्षात्कार किया है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि
चुनावी मैदान में भले ही भाजपा और तृणमूल कांग्रेस घोर विरोधी हैं, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन्हें मिठाई भी भेजती हैं और कुर्ते भी भेंट करती हैं।
एक दिन पहले ही अक्षय कुमार ने ट्वीट कर कहा था कि वह एक ऐसे क्षेत्र में दिखेंगे जिसका उन्हें अनुभव नहीं है। अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह राजनीति में आ रहे हैं। लेकिन बुधवार को वह एक पत्रकार की भूमिका में सामने आए। अक्षय ने जब प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या विपक्ष में उनके दोस्त हैं? तो उन्होंने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के साथ औपचारिक मुलाकात का हवाला दिया और उसी परिप्रेक्ष्य में ममता बनर्जी का उल्लेख किया। मोदी ने बताया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना उन्हें साल में दो-तीन बार खास मिठाई भेजती हैं। जबकि ममता बनर्जी मिठाई और कुर्ते भी भेजती हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यह बात उजागर होने से उन्हें राजनीतिक नुकसान हो सकता है। मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में चुनावी जंग तीखी है। जहां ममता की ओर से भाजपा और प्रधानमंत्री पर हमला हो रहा है, वहीं प्रधानमंत्री हाल में ममता को स्पीडब्रेकर दीदी कह चुके हैं। उनके राज में भ्रष्टाचार की याद भी दिला चुके हैं। बुधवार को भी प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में दो सभाओं को संबोधित किया।
अगली पीढ़ी को न सुनाएं अलादीन की कहानी: अपनी जिंदगी के कई पहलुओं के बारे में खुलकर दिल की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने साफ किया कि उन्हें बिना मेहनत किए कुछ भी पा लेने में जरा भी भरोसा नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि अलादीन का चिराग मिलने पर वह कौन सी तीन इच्छाएं पूरी कराना पसंद करेंगे? इस प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अलादीन की इस कहानी को खत्म करने की गुजारिश करेंगे। साथ ही सभी समाजशास्त्रियों और शिक्षाविदों के दिमाग में यह भरना चाहेंगे कि आगे आने वाली पीढ़ी को यह कहानी न सुनाएं। ताकि वे मेहनत करना सीख सकें।
गुस्से पर काबू करने का बताया राज: प्रधानमंत्री ने अपनी सख्त प्रशासक की छवि, गुस्से को काबू करने के राज, तनाव प्रबंधन के साथ-साथ पसंद-नापसंद की कई चीजों के बारे में भी विस्तार से बताया।
यह भी कहा:
- मैं बहुत कम उम्र में घर से निकल गया था। यदि प्रधानमंत्री बनकर निकलता तो शायद मां और भाई को साथ रखने का मन करता। ..मैं जब मां से मिलता हूं तो सवा रुपये मेरे हाथ पर रख देती हैं। फिर मां कहती हैं कि मेरे पीछे समय क्यों बर्बाद करते हो, मैं यहां क्या करूं, गांव में लोग आते हैं, बातें करते हैं। मैं भी समय नहीं दे पाता।
- प्रधानमंत्री बनूंगा, ऐसा कभी नहीं सोचा। मेरे परिवार की जिस तरह की स्थिति रही है, उसमें तो मुङो एक छोटी नौकरी भी मिल जाती तो मेरी मां खुश हो जाती। किसी का परिवार ऐसा होता है और वह ऐसा सोचता है तो वह अलग बात है।
- साढ़े तीन घंटे में मेरी नींद पूरी हो जाती है। मित्र, डॉक्टर और बराक ओबामा भी इसमें उलझ गए थे। वे कहते थे ऐसा क्यों करते हो, लेकिन मेरा शरीर चक्र ही ऐसा हो गया है। आंख खुलते ही बिस्तर छोड़ देता हूं। ..रिटायर होने के बाद नींद बढ़ाने के बारे में सोचूंगा।