Sunday, April 28, 2019

जेट एयरवेज के बाद अब एयर इंडिया ने यात्रियों को रुलाया: सर्वर फेल, देश विदेश में 155 उड़ानें प्रभावित

साभार: जागरण समाचार  
देश के एविएशन सेक्टर के लिए यह दौर काफी बुरा चल रहा रहा है। एक तरफ जेट एयरवेज के बंद होने से घरेलू एविएशन सेक्टर अभी उबरने की कोशिश ही कर रहा है कि सरकारी क्षेत्र की एयर इंडिया में एक ऐसी समस्या
सामने आ गई, जो किसी भी एयरलाइंस कंपनी के लिए बेहद शर्मिदंगी की बात हो सकती है। एयर इंडिया का सर्वर सुबह 3.30 बजे से लेकर 8.45 बजे तक यानी सवा पांच घंटे तक ठप हो गया।
नतीजा न यात्रियों का चेक-इन हुआ और बोर्डिग पास ही जारी हुए। इस दौरान कोई उड़ान भी शुरू नहीं की जा सकी। जब तक सर्वर की दिक्कत दूर हुई तब तक देशी-विदेशी हवाई अड्डों पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। शाम तक खबर लिखने तक एयर इंडिया की 155 उड़ानें प्रभावित हो चुकी थी। इस तकनीकी खामी के चलते दिन भर एयर इंडिया और उसकी सहयोगी एयरलाइंस एलायंस एयर और एयर इंडिया एक्सप्रेस की कई उड़ानों पर असर पड़ा। घरेलू उड़ानें सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं, वैसे सिंगापुर, बैंकाक, काठमांडू समेत कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी इसका बुरा असर पड़ा। कंपनी की तरफ से दावा किया गया है कि जिन यात्रियों की उड़ानें रद्द हुई हैं उन्हें होटल में ठहराने की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन देर शाम तक कई शहरों से यात्रियों ने इस बात की शिकायत की है कि उनका कोई ख्याल नहीं रखा गया और ना ही समय पर कोई जानकारी उपलब्ध कराई गई।
अटलांटा की कंपनी पर फोड़ा ठिकरा: एयरलाइंस ने ब्रेक डाउन का जिम्मा पूरी तरह से सर्वर का संचालन करने वाली अटलांटा की कंपनी एसआइटीए पर डाला है। वैसे पहले से ही एयर इंडिया की सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे हैं लेकिन जैसे ही यह समस्या सुबह पैदा हुई कंपनी के सारे वरिष्ठ अधिकारी एयरपोर्ट पर पहुंच कर हालात को नियंत्रण में लेने की कोशिश की। एयर इंडिया के सीएमडी अश्विनी लोहानी ने हालात की समीक्षा करने के बाद बताया कि एसआइटीए के पास ही एयर इंडिया का पैसेंजर सर्विस सिस्टम (पीएसएस) का ठेका है। इससे यात्रियों के यात्री पास, सामान व रिजर्वेशन का काम होता है। उन्होंने कहा कि इस तकनीकी समस्या को ठीक कर लिया गया है लेकिन उड़ानों की स्थिति को सामान्य करने में थोड़ा वक्त लगेगा। कंपनी की तरफ से मेंटिनेंस करने के दौरान ही यह समस्या पैदा हुई और वायरस या कोई अन्य तकनीकी खामी इसकी वजह हो सकती है। लोहानी ने कहा कि अगले 24 घंटे के उड़ानों में दो घंटे तक का विलंब हो सकता है लेकिन कंपनी की कोशिश है कि यात्रियों को कम से कम दिक्कत हो।
पिछले साल भी फेल हुआ था सर्वर: वैसे शनिवार की घटना के बाद एसआइटीए की सेवा को लेकर भी सवाल उठने शुरू हो गये हैं क्योंकि 23 जून, 2018 को भी इसके सर्वर में कुछ समस्या आई थी लेकिन तब सिर्फ 25 उड़ानों पर ही असर पड़ा था। तब एयर इंडिया की तरफ से बताया गया था कि एसआइटीए की पूरी दुनिया के नेटवर्क में तकनीकी समस्या पैदा हुई है जिसकी वजह से उड़ानों पर असर पड़ा है। लेकिन जिस स्तर पर शनिवार को समस्या पैदा हुई वैसा पहले कभी नहीं देखा गया। एयर इंडिया और इसकी सहायक एयरलाइंस रोजाना 674 उड़ानें संचालित करती हैं।