साभार: भास्कर समाचार
मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आउटसोर्सिंग और डीसी रेट की नौकरियों में आरक्षण समेत चार बड़ी घोषणाएं की है। सीएम ने कहा है कि इसी साल से आउटसोर्सिंग (भाग-1 व 2) में एससी
वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा, जिसे बाद में बढ़ाया जाएगा। सरकारी नौकरियों में एससी का बैकलॉग पूरा किया जाएगा। प्रदेश सरकार तहसील स्तर पर अंत्योदय कार्यालय खोलेगी। जहां एससी वर्ग को मिलने वाली योजनाओं की जानकारी के साथ-साथ अॉनलाइन फार्म भरे जाएंगे। कैबिनेट से मंजूरी के बाद हरियाणा आउटसोर्सिंग की नौकरी में आरक्षण वाला दूसरा राज्य होगा। इसके पहले बिहार में नवंबर 2017 में नीतीश कुमार की सरकार ने यह व्यवस्था लागू की थी।
पहले आओ-पहले पाओ के तहत होगी मुफ्त रेलवे यात्रा: अगले बजट से गुरु रविदास की जन्म स्थली काशी की यात्रा के लिए 5 हजार लोगों को पहले आओ-पहले पाओ के तहत मुफ्त रेलवे यात्रा का लाभ दिया जाएगा। काशी के सीर गोवर्धन गांव में गुरु रविदास का जन्म हुआ था। वहां पर उनका भव्य मंदिर बना है। गुरु रविदास जयंती पर कैथल में 11 जिलों के लिए समरसता दिवस समारोह में यह घोषणाएं की। इस बार सरकार गुरु रविदास जयंती पर दो बड़े आयोजन कर रही है। दूसरा आयोजन 4 फरवरी को भिवानी में होगा। सीएम ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति की पांच श्रेणियों में बैकलॉग की 300 पदों की भर्ती की जा रही है। भविष्य में बैकलॉग को पूरा करते हुए भर्तियां निकाली जाएंगी। मेधावी छात्रवृत्ति योजना की वार्षिक आय की शर्त को ढाई लाख से बढ़ाकर 4 लाख रु. किया जाएगा।
संगठन मांग रहे थे 20%, सदन में भी उठा था मामला: एससी संगठन लंबे समय से कच्ची नौकरियों में भी 20 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे थे। यही नहीं विधानसभा में इनेलो विधायक परविंद्र सिंह ढुल ने यह मामला उठाया था। उनका तर्क यह था कि सरकार स्थाई भर्तियां नहीं कर रही बल्कि बैकडोर से चहेतों को अस्थाई नौकरी देती है। जिससे दलितों व पिछड़े वर्गों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता। विपक्ष के नेता अभय चौटाला ने भी इसका समर्थन किया था।
भूमि अधिग्रहण पर कलेक्टर रेट से दोगुना मिलेगा मुआवजा: प्रदेश में सार्वजनिक उपयोग के लिए भूमि अधिग्रहण करने की स्थिति में किसानों को अब कलेक्टर रेट से अधिकतम दो गुना तक मुआवजा दिया जा सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। इससे पहले राज्य मंत्रिमंडल ने पिछली बैठक में ही इस फैसले पर मुहर लगा दी थी। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि जमीन का मुआवजा शहरी सीमा पर निर्भर करेगा। इसके तहत 10 किमी. दूरी तक 1.25 और 10 से 20 किमी. दूरी तक के लिए डेढ़ गुना, 20 से 30 किमी. तक 1.75 और 30 किमी. तक की दूरी के लिए कलेक्टर रेट को 2 से गुणा किया जाएगा। इस तरह उन्हें दोगुना मुआवजा मिल सकेगा।