साभार: भास्कर समाचार
प्रदेश में कुछ समय पहले हुई पटवारी भर्ती में एक-एक परिवार के दो से तीन भाई नौकरी पर लगे हैं। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से जब रिजल्ट जारी किया तब इनके सीरियल नंबर अलग-अलग होने से किसी को पता नहीं लगा लेकिन अब रेवन्यू डिपार्टमेंट की ओर से जब ट्रेनिंग के लिए इन्हें स्कूलों में भेजने को लिस्ट बनाई तो यह सामने आया है।
जींद के गांव बेलारखा के तीन भाई पटवारी बने हैं तो करनाल और तोशाम निवासी दो-दो भाई। खास बात यह है कि करनाल के गौरव वर्मा और अजय वर्मा दोनों के परीक्षा में रोल नंबर आगे पीछे थे। इसी प्रकार तोशाम के पटवारी बने परमजीत और नगेंद्र के रोल नंबर एक साथ थे। बेलारखां के वीरेंद्र और नरेंद्र दोनों भाइयों के रोल नंबर आगे-पीछे थे तो तीसरे भाई जितेंद्र तीन अभ्यर्थियों के आगे बैठे थे। कमीशन की ओर से जारी रिजल्ट में इनके सीरियल नंबर में अंतर रखा गया। जिससे किसी को इन भाइयों के एक साथ नौकरी लगने की जानकारी नहीं मिल सकी। बता दें कि कमीशन की ओर से 2015 में नवंबर तक 588 पदों लिए भर्ती निकाली थी। इसके लिए करीब दो लाख युवाओं ने आवेदन किया था। मई, 2017 में रिजल्ट जारी किया गया था। सभी प्रक्रिया के बाद कमीशन ने इनकी रिकमेंडेशन विभाग को भेज दी। अब इनकी ट्रेनिंग होनी है।
- मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि कोई भाई पटवारी भर्ती में सिलेक्ट हुए हैं। हमारे पास केवल रोल नंबर आते हैं। परीक्षा कराकर मेरिट के आधार पर बाकी प्रक्रिया होती है। - भारत भूषण भारती, चेयरमैन, HSSC
जानिए...कैसे रोल नंबर एक साथ होते हुए भी रिजल्ट जारी करने पर सीरियल नंबरों में कितना रखा अंतर:
- तोशाम निवासी लीलूराम के बेटे परमजीत का रोल नंबर 1713163124 था जबकि नगेंद्र का नंबर 24 के आगे 25 था। रिजल्ट जारी किया गया तो परमजीत का नाम सीरियल नंबर 301 और नगेंद्र का सीरियल नंबर 367 पर था।
- करनाल के सेक्टर-9 अर्बन एस्टेट के रहने वाले रामभजन वर्मा के बेटे गौरव वर्मा और अजय वर्मा दोनों का सिलेक्शन हुआ है। गौरव वर्मा के रोल नंबर 1713127149 थे जबकि अजय वर्मा के नंबर 49 के आगे 50 रहे। रिजल्ट जारी किया गया था तो गौरव का नाम सीरियल नंबर 331 तो अजय का नाम 370 नंबर पर था।
- बेलारखा निवासी पृथपाल के बेटे वीरेंद्र और नरेंद्र का रोल नंबर 173117321 व 322 थे। जबकि जितेंद्र का इसी सीरीज में 318 थे। जब रिजल्ट जारी किया तो वीरेंद्र और नरेंद्र के तो सीरियल नंबर 414 और 415 रखे गए लेकिन जितेंद्र का नाम सीरियल नंबर 472 पर था।