साभार: भास्कर समाचार
यमुनानगर में विवेकानंद स्कूल की प्रिंसिपल रितू छाबड़ा की छात्र द्वारा गोली मारकर हत्या करने के बाद से निजी स्कूल स्टाफ और संचालक डरे हुए हैं। इसके विरोध में मंगलवार को हरियाणा स्कूल वेलफेयर
एसोसिएशन के आह्वान पर प्रदेश के सभी 18 हजार निजी स्कूलों ने हड़ताल की। स्कूल स्टाफ को सुरक्षा व सम्मान की मांग को लेकर प्रदेशभर में मौन जुलूस निकाला। यमुनानगर की अनाज मंडी में जुटे हरियाणा स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि स्कूलों में 11वीं और 12वीं को बंद कर कॉलेजों में शिफ्ट किया जाए। बता दें कि पहले भी 11वीं-12वीं कक्षाएं कॉलेजों में ही थीं। सरकार ने इसे बोर्ड के चलते स्कूलों में शिफ्ट किया था। वहीं, यमुनानगर में निजी स्कूल के संचालक व टीचर्स अनाज मंडी में जुटे। यहां से मौन जुलूस निकालते हुए लघु सचिवालय में पहुंचे, जहां सीएम के नाम डीसी रोहतास खरब को ज्ञापन दिया। प्रिंसिपल के परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग रखी। इधर, हरियाणा स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान मनोरंजन सिंह साहनी ने कहा कि सरकार प्राइवेट स्कूलों के साथ भेदभाव करती है। यदि किसी स्कूल बस का एक्सीडेंट हो जाता है तो तुरंत प्रिंसिपल व मैनेजमेंट को आरोपी बना दिया जाता है। रितू छाबड़ा के मर्डर के बाद से टीचर्स डिप्रेशन में हैं। छात्रों की पढ़ाई डिस्टर्ब हो गई है।
निजी स्कूल संचालकों ने ज्ञापन में इन मांगों को रखा:
- क्रिमनल केस इंवेस्टिगेशन फाइनल नहीं होती है, तब तक टीचर्स, प्रिंसिपल की गिरफ्तारी न हो।
- सामाजिक लोगों में निजी स्कूलों के प्रति आदर की भावना हो।
- स्कूल की टाइमिंग, छुटि्टयों आदि को लेकर सरकार के ऑर्डर न थोपे जाएं।
- किसी भी अभिभावक, समाजसेवी, सरकारी कर्मचारी या अन्य द्वारा टीचर्स या मैनेजमेंट के साथ अभद्रता या हिंसा करने की घटना की निष्पक्ष जांच हो।
- पुलिस के स्कूलों में आने पर रोक लगे।
- स्कूलों से संबंधित विवाद जिला स्तरीय कमेटी के साथ निपटाए जाएं। इसमें शिक्षाविद व स्कूलों के रिप्रेजेंटेटिव भी हो।
- कॉमर्शियल संस्थान के नाम पर सरकार द्वारा लिए रहे टैक्सेज बंद हो।
- स्कूल केसों में ट्रिब्यूनल का गठन।