साभार: भास्कर समाचार
वर्णिका कुंडू छेड़छाड़ मामले में जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आया भाजपा नेता सुभाष बराला का बेटा खुद को निर्दोष बता रहा है। उसने एक मिनट 57 सेकेंड की एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी की है। जिसमें
वह कह रहा है, 'आप लोग मेरे बारे में बहुत बातें सुन रहे हैं। सबसे पहली बात जो मैं आपसे कहना चाहता हूं कि मैं पूरी तरह से निर्दोष हूं। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप झूठे और आधारहीन हैं। सच्चाई तो यह है कि मैं खुद ही इस केस में पीड़ित हूं। मुझे केवल इसलिए साजिश के तहत फंसाया जा रहा है क्योंकि मैं एक राजनीतिक पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष का बेटा हूंं। विभिन्न राजनीतिक दल मेरे पिता की छवि खराब करना चाहते हैं। मेरा पक्ष जाने बिना मुझे ही दोषी समझा गया है। इस बात का मुझे बड़ा खेद है और मैं इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया। जब मैं निर्दोष होने के बावजूद इतने लंबे समय तक जेल में रहा, तो पीछे से मेरी मां, बहन व भाइयों पर क्या बीती है, यह दर्द कभी नहीं भुलाया जा सकता। लेकिन भविष्य में गुझे न्याय मिलेगा और मैं अदालत से निर्दोष साबित हूंगा, इसलिए आमजन केवल सबूतों व साक्ष्यों के आधार पर ही अमल करें न कि किसी अफवाह के बल पर मुझे दोषी समझें।'
आरोपी विकास के वीडियो पर आईएएस की बेटी का काउंटर, झूठ का पुलिंदा है विकास का वीडियो हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा: चंडीगढ़ छेड़छाड़ केस के आरोपी विकास बराला ने एक विडियो जारी कर खुद को निर्दोष बताया है। अब इस विडियो पर पीड़िता वर्णिका कुंडू ने भी काउंटर किया है। उन्होंने कहा है कि विकास पूरी तरह से झूठ बोल रहा है। एक समाचार एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा, 'हमारा न्यायिक व्यवस्था में विश्वास बरकरार है। मुझे उम्मीद है कि ऐसे आधारहीन विडियो जिसमें सिर्फ झूठ है कानूनी कार्यवाही को प्रभावित नहीं करेगा।' बराला को पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने गुरुवार को जमानत दे दी।
4 अगस्त को गिरफ्तार हुआ था विकास: बता दें कि विकास और उसके साथी आशीष पर पिछले वर्ष 4 अगस्त को हरियाणा के सीनियर आईएएस कुंडू की बेटी वर्णिका से छेड़छाड़ का आरोप है। इस मामले में दोनों पर शराब के नशे में पीछा करने, छेड़छाड़ करने और अपहरण के प्रयास के आरोप में मामला दर्ज हुआ था। मामले ने जब तूल पकड़ा तो विकास और आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया था। विकास को 9 अगस्त 2017 को चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल में रखा गया था। बराला को जमानत मिलने के बाद वर्णिका ने कहा था कि इस वक्त वह फैसले का विरोध नहीं करेंगी। उन्होंने कहा, 'मैं इसे शर्मिंदगी नहीं कहूंगी। हमें व्यवस्था और न्यायपालिका में शुरुआत से ही भरोसा है। हम अभी इस फैसले का विरोध नहीं कर रहे।'