साभार: भास्कर समाचार
सरकार की लचर कार्यप्रणाली प्राइवेट स्कूलों की हठधर्मिता का गंभीर परिणाम एक बार विद्यार्थियों को झेलना पड़ सकता है। कारण शैक्षणिक सत्र 2017-18 समाप्त होने को है, बच्चों की प्री-बोर्ड परीक्षाएं बोर्ड प्रेक्टिकल
परीक्षाएं भी शुरू होने वाली है। लेकिन अभी तक सरकार ने आरटीई (राइट टू एजुकेशन) नियम 134-ए के अंतर्गत अप्रैल माह में प्राइवेट स्कूलों में दाखिला प्राप्त बच्चों की फीस का भुगतान नहीं किया है। निजी स्कूलों में अध्ययनरत है प्रदेश के करीब 17, 320 विद्यार्थियों की 7 करोड़ रुपए से ज्यादा फीस अभी भी सरकार पर बकाया है। इसके कारण प्राइवेट स्कूल संचालक सरकार के विरोध में उतर रहे है। प्राइवेट स्कूलों का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द बकाया फीस का भुगतान नहीं किया तो आगामी शैक्षणिक सत्र में नियम 134-ए लिस्ट के अनुसार किसी विद्यार्थी को दाखिला नहीं दिया जाएगा। बता दें कि सत्र 2017-18 में नियम 134-ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिलों के लिए 20 मार्च से 10 अप्रैल तक आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इसके बाद 16 अप्रैल को एसेसमेंट टेस्ट आयोजित किया गया। टेस्ट में सफल रहने वाले आवेदकों की मेरिट-काउंसलिंग के आधार पर 25 अप्रैल तक एडमिशन किए गए थे।
फीस का भुगतान करे सरकार: हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द निजी स्कूलों में नियम 134-ए के तहत अध्ययनरत बच्चों की फीस का भुगतान करे। अन्यथा नए सत्र में नियम 134-ए के अंतर्गत किसी भी विद्यार्थी को दाखिला नहीं देंगे।
इधर, रेवाड़ी के डीईओ धर्मबीर बल्डोदिया बीईओ सुभाषचंद यादव ने कहा कि स्कूलों को नियम 134-ए के तहत दाखिला प्राप्त बच्चों की फीस देने की कार्यवाही सरकार शिक्षा विभाग के स्तर पर है। जिला सत्र पर इस बारे कोई निर्देश नहीं दिए गए है।
नए सत्र में होना है फीस में संशोधन: सरकार द्वारा निजी स्कूलों को नियम-134 के तहत दाखिला प्राप्त बच्चों की फीस में नए सत्र में संशोधन किया जाना है। अभी 200 से 500 रुपए प्रति विद्यार्थी दिए जा रहे है। पिछले साल निजी स्कूलों के फीस बढ़ाने की मांग पर सरकार ने इस साल फीस बढ़ाने/संशोधन किए जाने का आश्वासन दिया था।
यूं समझे 70 लाख प्रति माह का गणित, 10 माह से भुगतान नहीं: नियम134-ए के अंतर्गत प्रदेश के निजी स्कूलों में दाखिलों के लिए विभाग द्वारा लिए गए असेसमेंट टेस्ट में करीब 26 हजार विद्यार्थियों सफल रहे। यानि इन्होंने 55 प्रतिशत अंक या इससे ज्यादा हासिल किए। इसके बाद मेरिट लिस्ट के अाधार पर लगभग 17,320 विद्यार्थियों ने ही दाखिला लिया। इनमें हिसार के करीबन 1163, रेवाड़ी के 650, पानीपत के 476, रोहतक में 869, अंबाला 896 अन्य जिलों के स्कूलों में भी 300 से 700 विद्यार्थी शामिल है। विभाग द्वारा निजी स्कूलों को प्राइमरी के प्रत्येक बच्चों की 200 रुपए फीस मिडल कक्षाओं की 500 रुपए फीस देनी थी। अगर औसत 400 रुपए भी लगाया जाए, तो 17हजार विद्यार्थियों की 68 लाख रुपए से ज्यादा फीस अभी भी सरकार पर बकाया है।