साभार: भास्कर समाचार
मिनस्ट्री ऑफ ग्रीवांस ने गृह मंत्रायल को इस बारे में लिखा है। जिसमें कहा गया है कि 22 अगस्त से 25 अगस्त 2017 के बीच डेरा समर्थकों को पंचकूला में घुसने देने, दंगा होने, सरकार और अधिकारियों की नाकामी को
लेकर पंचकूला से शिकायत आई है, जिसमें सीबीआई जांच कराने की मांग की गई है। इसलिए इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए। असल में सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन पंचकूला की ओर से मिनिसटरी ऑफ पर्सनल पब्लिक ग्रीवांस दिल्ली को इस बारे में लिखा गया है। जिसके बाद मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल पब्लिक ग्रीवांस की ओर से गृह मंत्रायल को इस बारे में एक्शन लेने बारे में लिखा गया है। अब मंत्रालय सरकार से जवाब तलब कर सकता है।ये तथ्य दिए हैं पंचकूला के हालात के बारे में:
- 25 अगस्त को पंचकूला स्थित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की कोर्ट की ओर से साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को दोषी करार दिया गया, जिसके साथ ही पंचकूला में हिंसा हुई। पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया गया और भारी तादाद में व्हीकल्स को जलाया गया। पंचकूला के लोग दहशत में आ गए।
- 25 अगस्त 2017 से पहले ही पंचकूला के अंदर भारी संख्या में डेरा फॉलोअर्स पहुंच गए थे। चौंकाने वाली बात ये है कि ये लोग धारा 144 लगी होने के बाद भी भारी संख्या मेें पहुंचे।
- 25 अगस्त दोपहर को गुरमीत सिंह के खिलाफ ऑर्डर आने के बाद जो हिंसा हुई। उसकी जिम्मेदार हरियाणा सरकार है और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी हैं। क्यों कि कर्फ्यू शाम 5 बजे लगाया गया जो दोपहर को लगाया जाना चाहिए था। लिहाजा बड़ा सवाल सरकार, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर खड़ा होता है। जिसके बारे में सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के प्रैजीडेंट एस के नैय्यर, वाइस प्रेजीडेंट लिली बावा, जनरल सेक्रट्री एस के छाबड़ा ने लिखा है।
सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन ने की है शिकायत: मिनिस्टरी ऑफ पर्सनल पब्लिक ग्रीवांस की ओर से गृह मंत्रायल को इस बारे में लिखा गया है। जिसमें शिकायत का जिक्र किया गया है। जिसमें कहा गया है, कि पंचकूला में हुई हिंसा को लेकर लोगों की ओर से सीबीआई जांच की मांग की गई है। जिस पर अब गृह मंत्रायल की ओर से जांच करवाई जाएगी, सरकार से जवाब लिया जाएगा।