हरियाणास्वर्ण जयंती वर्ष के समापन पर मंगलवार को हिसार के महाबीर स्टेडियम में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह में उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। इस दौरान
सीएम मनोहर लाल ने प्रदेश के लिए तीन बड़ी घोषणा की। पहली- एक नवंबर 2017 से खेतों में 8 के बजाय 10 घंटे बिजली दी जाएगी। वहीं, फरीदाबाद जिला ग्रामीण क्षेत्र को 24 घंटे बिजली मिलेगी। दूसरी- प्रदेश के मातृभाषा सत्याग्रहियों उनकी विधवाओं और इमरजेंसी के दौरान जेल में बंद रहे लोगों उनकी विधवाओं को आजीवन 10 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी। तीसरी- द्वितीय विश्वयुद्ध में काम आए हरियाणवी सैनिकों और उनकी विधवाओं को मिलने वाली 4500 रुपए प्रतिमाह की वित्तीय सहायता को बढ़ाकर 10 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाएगा। सीएम ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, 'आज हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है, जिसमें किसी भी गांव के पंच-सरपंच, पंचायत समिति और जिला परिषद के सदस्य तो अनपढ़ हैं और ही बैंक और बिजली बिलों के डिफॉल्टर हैं। इज ऑफ डूइंग बिजनेस में हम 14वें से छठे स्थान पर पहुंचे हैं। लिंगानुपात को 3 दशकों के बाद 900 के पार 937 तक पहुंचाकर कन्या भ्रूणहत्या के कलंक को धो दिया। कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के मंत्रियों, विधायकों, भाजपा के बड़े पदाधिकारियों के अलावा बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा और गायक सोनू निगम भी मौजूद रहे।
राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश के विकास में नई नींव डालने का काम किया है। लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल को याद करते हुए कहा कि देशभर में मैराथन दौड़ के आयोजन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से हम नव-भारत बनाएंगे, ठीक उसी प्रकार से नव-हरियाणा का निर्माण भी किया जाएगा। उन्होंने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि वे यहां से संकल्प लेकर जाएं कि वर्ष 2047 तक भारत को जगत गुरू के रूप में चमकाने का काम करेंगे।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने अपने संबोधन में जनसमूह से अपील करते हुए कहा कि वे नौजवान पीढ़ी और अपने बच्चों को हिन्दी, साहित्य, हिंदुत्व और अपनी विरासत की जानकारी दें, ताकि देश अपनी विरासत काे संजोए रखे। हरियाणा को धर्मक्षेत्र कहकर संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रदेश की भूमि का इतिहास गौरवपूर्ण है। श्रीकृष्ण ने वसुधैव कुटुंबकम् का नारा भी यहीं की धरती से दिया। उन्होंने कहा कि वे पहले हिन्दी का ज्ञान नहीं रखते थे, क्योंकि वे दक्षिण भारत से संबंध रखते हैं। मगर उन्होंने जाना कि हिंदी के बिना हिंदुस्तान का विकास नहीं हो सकता है। इसलिए लोग नौजवान पीढ़ी और अपने बच्चों को हिंदुत्व और अपनी विरासत के साथ-साथ हिंदी अौर हिंदी साहित्य की जानकारी भी दें।