साभार: भास्कर समाचार
योगगुरु रामदेव ने गीता प्रेरणा महोत्सव में मुख्यमंत्री से लेकर मंच पर आसीन शिक्षा मंत्री के साथ माइक से आवाज लगाकर खूब हंसी-मजाक किया। कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों से तालियां बजवाकर रामदेव बोले- अरे
शर्मा जी, अो पंडित जी, अरे खट्टर जी…गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करवा देना। कहीं यह भी घोषणा ही रह जाए। इस पर मंच से लेकर भरे पंडाल में हंसी के ठहाके लगे। इस पर मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री ने हाथ हिलाकर वादा पूरा करने का इशारा किया। इससे पहले, शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि ज्ञान, विज्ञान, जिज्ञासा ही गीता है। महोत्सव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संतजनों की उपस्थिति में स्वामी ज्ञानानंद द्वारा लिखित स्वस्थ राजनीति और समृद्ध राष्ट्र पर आधारित गीता और राजनीति पुस्तक का विमोचन किया। कार्यक्रम में दून पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने संचालक कुलजिंद्र मोहन बाठ की प्रेरणा से स्वलिखित गीता मुख्यमंत्री को भेंट की। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि महोत्सव में वाल्मीकि समाज की सैकड़ों महिलाओं ने गीता को सिर पर रखकर दो किलोमीटर तक की पैदल यात्रा करके समरसता की भावनाओं को उजागर किया है।
ओएसडी को मांगपत्र देता दिव्यांग।
बच्चे घी नी खाके आए के: जयकारे की आवाज आने पर बोले अरे हरियाणा के बच्चे घी नी खाके आए के। आवाज क्यों नहीं निकल रही। बचपन से आदत सुधार लो। बड़ी उम्र के लोगों की 99 प्रतिशत आदत नहीं सुधर सकती, लेकिन बच्चं में स्वाभिमान जगाना है।