Tuesday, November 28, 2017

हदिया बोली; माता-पिता से आजादी चाहिए, पति के साथ रहना है: सुप्रीम कोर्ट ने कहा - हदिया न पति के पास रहेगी न पिता के पास, हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करेगी

साभार: भास्कर समाचार
इस्लाम कबूल कर मुस्लिम युवक से निकाह करने वाली केरल की युवती अखिला अशोकन उर्फ हदिया सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुई। ढाई घंटे चली सुनवाई के दौरान हदिया ने मलयालम में कहा, 'मैं माता-पिता से
आजादी चाहती हूं। पति के साथ रहना चाहती हूं। पढ़ाई पूरी कर डॉक्टर बनना चाहती हूं। इसके पैसे मेरे पति देंगे।' बेंच ने कहा कि हदिया तो माता-पिता के पास रहेगी, पति के पास। वह कॉलेज के महिला हॉस्टल में रहकर पढ़ेगी। कोर्ट ने उसका दाखिला तमिलनाडु के सलेम स्थित शिवराज होम्यो मेडिकल कॉलेज में कराने का आदेश दिया। कॉलेज के डीन को स्थानीय संरक्षक नियुक्त किया है। अगली सुनवाई जनवरी के तीसरे हफ्ते में होगी। 
सुप्रीम कोर्ट लाइव - एनआईए बोली हदिया का मानसिक अपहरण हुआचीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और बाकी जज 3 बजे कोर्ट में पहुंचे। हदिया के पिता अशोकन के वकील श्याम दीवान द्वारा पेश दस्तावेज पढ़े। उसके पूर्व पति शैफीन जहां की ओर से कपिल सिब्बल और एनआईए की ओर से एएसजी मनिंदर सिंह ने पक्ष रखा। 
  • दीवान: खुली सुनवाई से सांप्रदायिक माहौल बिगड़ सकता है। धमकियां मिली हैं। बंद कमरे में सुनवाई करें। 
  • मनिंदर: ऐसे कई मामले चुके हैं। पीपुल फ्रंट आॅफ इंडिया इसमें शामिल है। कोर्ट किसी तरह के निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले हमारी 100 पेज की रिपोर्ट देख ले। 
  • सिब्बल: एनआईए रिपोर्ट पर गौर से बेहतर है कि कोर्ट हदिया से पहले पूछ ले कि वह क्या चाहती है? 
  • चीफ जस्टिस: हमें देखना होगा कि हालात क्या थे? वह सही फैसला लेने में सक्षम है या नहीं? 
  • मनिंदर: यह एक केस नहीं है। इसके पीछे पूरा संगठित तंत्र है। यह सब एक खास प्रोग्राम के तहत हो रहा है। 
  • सिब्बल: हदिया को फैसले लेने का हक है। अगर मान भी लें कि उसका शौहर गलत है, तो भी वह पति के साथ रहना चाहती है। 
  • मनिंदर: हदिया का ब्रेनवॉश किया गया। मानसिक तौर पर अपहरण हुआ। काउंसलिंग के बाद बयान लें। 
  • जस्टिस चंद्रचूड़: हम यह नहीं कह रहे कि आपके केस में भी ऐसा हुआ है। लेकिन कुछ मामले ऐसे होते हैं, जिनमें बालिग सोच-समझकर फैसला लेने में सक्षम नहीं होता। 
  • चीफ जस्टिस: ऐसा मामला मैंने जिंदगी में पहले कभी नहीं देखा। 
  • सिब्बल: दुख है कि हम हदिया की बात नहीं सुन रहे। हम मीडिया में चल रही खबरों की बात कर रहे हैं। कोर्ट में सांप्रदायिक बहस हो रही है। कोर्ट उससे बात करे। यह पति-पत्नी के बीच का मामला है। 
  • मनिंदर: यह पति-पत्नी का नहीं, बल्कि धर्मांतरण का मामला है। 
इसके बाद चीफ जस्टिस ने कोर्ट में खड़ी हदिया को आगे आने के लिए कहा। चीफ जस्टिस ने 25 मिनट किए सवाल-जवाब, हदिया बोली- मैं मुस्लिम हूं, मुझ पर दबाव नहीं: 
  • भविष्य के लिए आपका सपना क्या है? आजादी...रिहाईचाहिए। 
  • आप किसके साथ रहना चाहती हैंे? माता-पिता के या अपने पति के साथ? 8 माह से पिता की अवैध कस्टडी में हूं। आजादी चाहती हूं। पति के साथ रहना है। 
  • क्या धर्म परिवर्तन के लिए किसी ने किसी भी तरह का दबाव डाला? मैं मुस्लिम हूं। इसकी मान्यताएं स्वीकार कर चुकी हूं। कोई दबाव नहीं है। 
  • आप क्या बनना चाहती हैं? हाउस इंटर्नशिप पूरी कर डॉक्टर बनना चाहती हूं। मेरी पढ़ाई रुक गई है। 
  • पढ़ाई के लिए सरकार की मदद चाहिए? मैं अपनी पढ़ाई के लिए राज्य सरकार से पैसे क्यों लूं? मेरा पति ही पढ़ाई के लिए पैसे दे सकता है। 
  • कॉलेज में लोकल गार्जियन बनाने के लिए किसी रिश्तेदार का नाम बताएं। पति ही गार्जियन हो सकता है। किसी और को इस भूमिका में नहीं देखती। 
  • पति अपनी पत्नी का गार्जियन नहीं हो सकता है। पत्नी कोई चल संपत्ति नहीं है। समाज में उसकी अपनी पहचान और जिंदगी होती है। मैं भी अपनी पत्नी का गार्जियन नहीं हूं। कृपयाउसे समझाओ।'

(इसके बाद चीफ जस्टिस ने 5.27 बजे हदिया का दाखिला कॉलेज में कराने समेत अन्य अंतरिम आदेश दिए। केरल हाईकोर्ट ने लव जिहाद बता कर निकाह को रद्द कर दिया था।)