Thursday, November 30, 2017

HSSC: परिचालक पेपर लीक की गुत्थी नहीं सुलझी, SP ने बदल दी SIT

साभार: जागरण समाचार 
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की 10 सितंबर को यमुनानगर में आयोजित परिचालक परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच कर रही एसआइटी को एसपी राजेश कालिया ने बदल दिया है।
बिलासपुर के डीएसपी रणधीर सिंह की जगह अब रादौर के डीएसपी अजय सिंह राणा इसके इंचार्ज होंगे। साथ ही उसके सदस्यों को भी बदल दिया गया है। मामले की फाइल सीआइए-वन से लेकर डिटेक्टिव स्टाफ इंचार्ज जयपाल आर्य को दे दी गई है।
पहली टीम ने फरार अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के लिए रोहतक, कैथल समेत कई जगह दबिश दी थी, लेकिन किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर पाई। पुरानी एसआइटी में सीआइए-वन इंचार्ज नरेंद्र सिंह राणा को पहले ही बदला जा चुका है। उन्हें स्टेट विजिलेंस में भेजा जा चुका है। कार्यभार मिलते ही इंचार्ज जयपाल आर्य टीम के साथ रोहतक में छापामारी करने गए।
यह है मामला: 10 सितंबर को यमुनानगर में एचएसएससी ने परिचालक परीक्षा हुई थी। प्रश्न पत्र बेचने के आरोप में पुलिस ने यमुनानगर बस स्टैंड के पास से रोहतक के महम थाना क्षेत्र के भानीचंद्र गांव के कपिल और सुनारिया गांव के धर्मेद्र को गिरफ्तार किया था। उनसे 29 एडमिट कार्ड, छह मोबाइल और एक प्रिंटर भी मिला था। एडमिट कार्ड उन परीक्षार्थियों के थे जो 10 सितंबर को यमुनानगर में पेपर देने पहुंचे थे। ज्यादातर एडमिट कार्ड रोहतक, कैथल और झज्जर के परीक्षार्थियों के थे। प्रश्न पत्र बेचने का पर्दाफाश झज्जर की साइबर सेल ने किया था। साइबर सेल ने इन दोनों के मोबाइल की रिकॉर्डिग की थी। उसमें प्रश्नपत्र बेचने का पर्दाफाश छह लाख में हुआ था। यह भी सामने आया था कि दोनों 67 लाख रुपये परीक्षार्थियों से ले चुके थे। इस मामले में करनाल की एक महिला कांस्टेबल का नाम भी सामने आया था। कपिल रोहतक में अकादमी चलाता है। इस साजिश के मास्टर माइंड के रूप में कपिल के भाई जितेंद्र का नाम सामने आया था।