साभार: जागरण समाचार
हरियाणा सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए कैशलेस मेडिकल सुविधा तो आरंभ कर दी, लेकिन इसमें कई ऐसी खामियां हैं, जिनकी वजह से कर्मचारियों को योजना का पूरा लाभ मिलने पर संदेह पैदा हो गया है। कैशलेस
मेडिकल सुविधा सिर्फ गंभीर बीमारियों के इलाज पर ही मिलेगी। इसके लिए कर्मचारी की बीमारी का अंतिम स्टेज पर होना जरूरी है। इतना ही नहीं, सरकार ने कैशलेस मेडिकल सुविधा के दायरे से कर्मचारियों की पत्नी और बच्चों बाहर कर दिया है। यानी अगर संबधित कर्मचारी की पत्नी या बच्चा बीमार होगा तो उसे कोई लाभ नहीं मिलेगा। यह मेडिकल सुविधा भी सिर्फ पांच लाख रुपये तक है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कैशलेस मेडिकल सुविधा को हालांकि सकारात्मक पहल बताया, लेकिन साथ ही कहा कि इसमें बड़ी खामियों के कारण कर्मचारियों तथा पेंशनर्स को कोई फायदा नहीं होने वाला है।