साभार: जागरण समाचार
पाकिस्तान में सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने हिंसक रुख अख्तियार कर लिया है। आंदोलनकारी बेकाबू हो गए हैं। पाकिस्तान के चार जिले हिंसा की चपेट में हैं। कट्टरपंथियों को नियंत्रित करने की कोशिश में एक पुलिस जवान
की मौत हो गई है। झड़पों में 150 से अधिक लोग घायल हैं। पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के घर की ओर जाने वाले सभी रास्तों की बैरिकेडिंग कर दी गई है। यहां भारी संख्या में पुलिस के एलिट कमांडो तैनात किए गए हैं। बीते कई दिनों से सड़क जाम किए कट्टरपंथी धार्मिक समूहों के सदस्यों पर शुक्रवार को सुरक्षाबलों ने कार्रवाई शुरू कर दी। इस बीच इस्लामाबाद में चल रहे विरोध-प्रदर्शन के समर्थन में कराची, लाहौर, रावलपिंडी और पेशावर में भी आंदोलन शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारी कानून मंत्री जाहिद हमीद के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं जिन्होंने 2017 के निर्वाचन विधेयक में पैगंबर के नाम पर शपथ लेने के नियम में बदलाव कर दिया था। हालांकि, सरकार ने इसे तकनीकी खामी बताते हुए अक्टूबर में इसमें सुधार कर लिया था। इस बीच, टीवी प्रसारण से विरोध-प्रदर्शन की आग अन्य शहरों में फैलने के मद्देनजर पाकिस्तान में टीवी कवरेज पर पाबंदी लगा दी गई है।
पाक मंत्री का दावा, भारत के संपर्क में थे आंदोलनकारी: पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री अहसान इकबाल ने दावा किया कि आंदोलनकारियों ने भारत से संपर्क किया था। इसकी सरकार जांच कर रही है कि ऐसा क्यों किया गया था। इस्लामाबाद में कोई सामान्य लोग नहीं जमा थे। उनके पास आंसू गैस के गोले तक थे जिन्हें पुलिस पर फेंका गया।