साभार: जागरण समाचार
मध्य प्रदेश के चार मेडिकल कॉलेजों में प्रबंधन कोटे से दाखिला लेने वाले 229 छात्रों पर गाज गिर सकती है। व्यापम मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने इन छात्रों के नामांकन में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया है। जांच
एजेंसी ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल को एक पत्र लिखकर इन छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इन छात्रों ने बड़ी धन राशि देकर मेडिकल कॉलेजों में नामांकन करवाया था।
सीबीआइ का कहना है कि इन छात्रों ने नामांकन के लिए किसी भी प्रवेश परीक्षा में भाग नहीं लिया था। 2012 में व्यापम के तहत प्री-मेडिकल टेस्ट की जांच के बाद सीबीआइ को इस बात की जानकारी मिली है। गुरुवार को जांच एजेंसी ने भोपाल की विशेष सीबीआइ अदालत में 592 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। इनमें चारों मेडिकल कॉलेजों के अध्यक्ष भी शामिल हैं। इनमें तीन मेडिकल कॉलेज भोपाल और एक मेडिकल कॉलेज इंदौर में स्थित है। इन चारों मेडिकल कॉलेजों के अध्यक्षों पर फर्जी दाखिले में शामिल होने का आरोप है। सीबीआइ अधिकारियों का कहना है कि प्रबंधन कोटे के तहत इन मेडिकल कॉलेजों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए 229 छात्रों का नामांकन किया था। प्रत्येक एडमिशन के लिए छात्रों से 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक वसूले गए थे। इसके चलते इन छात्रों को किसी प्रवेश परीक्षा में नहीं बैठना पड़ा।