Tuesday, November 28, 2017

वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील को क्लीन चिट देने वाले को मलाईदार पद क्यों - अशोक खेमका

साभार: जागरण समाचार
अपने तबादलों और ट्वीट से चर्चा में रहने वाले आइएएस अशोक खेमका ने एक नया ट्वीट कर सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा कर दिया है। खेमका ने हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (हरेरा) के चेयरमैन पद पर
हुई रिटायर्ड आइएएस राजन गुप्ता की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। खेमका ने वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील का म्युटेशन (इंतकाल) रद किया था, तो राजन गुप्ता आइएएस अधिकारियों की उस तीन सदस्यीय कमेटी के सदस्य थे, जिन्होंने खेमका के फैसले को गलत ठहराते हुए डील को क्लीन चिट दी थी। 
खेमका ने अपने ट्वीट में कहा है कि 2012 में जिस अधिकारी ने वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील को क्लीन चिट दी है, अब उसे मलाईदार पद देकर पुरस्कृत किया गया है। इस पद को हासिल करने के लिए जरूर कोई न कोई गुप्त मंत्रणा हुई होगी। इस कामयाबी में जरूर गहरे राज छिपे हैं। भाजपा सरकार ने राजन गुप्ता को हरेरा की पंचकूला पीठ का चेयरमैन बनाया है। इस पद पर काबिज होने के लिए रिटायर्ड न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह पंवार भी दौड़ में थे। हाई कोर्ट ने पंवार को डेरा सच्चा सौदा सिरसा की तलाशी के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था। भाजपा सरकार ने गुरुग्राम पीठ के लिए सीनियर आइएएस डा. केके खंडेलवाल को भी चेयरमैन नियुक्त किया है। खंडेलवाल और गुप्ता की चेयरमैन के रूप में नियुक्ति के आदेश नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने रविवार रात को जारी किए हैं। बिल्डर्स से जुड़े तमाम मामलों के निपटान के लिए यह पीठ काम करेंगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दोनों अधिकारियों की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की है। राजन गुप्ता इसी साल सितंबर में रिटायर हुए हैं। खंडेलवाल अगले साल रिटायर होंगे, लेकिन अब उन्हें वीआरएस लेनी होगी।