हम जब सफल होते हैं तो खुशी मनाते हैं। सफलता को सेलिब्रेट करते हैं। लेकिन खुशी व्यक्त करने के मामले में एेसी ही प्रतिक्रिया दूसरों की सफलता के समय हमारी क्यों नहीं होती? तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा है
कि जब हम दूसरों के प्रति प्रेम और उनकी खुशी के प्रति आदर व्यक्त करते हैं तो इससे सिर्फ दूसरों को अच्छा लगता है, बल्कि इससे हमारे मन में भी खुशी और शांति पैदा होती है। कुछ इसी तरह की बात हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हाल ही में हुए एक शोध में पता चली है। जब हम दूसरों की सफलता को सेलिब्रेट करते हैं तो इससे हमारे भीतर भी भविष्य के प्रति सकारात्मक भाव पैदा होता है। जो हमें खुशी और सफलता की ओर ले जाता है। हार्वर्ड का यह शोध 70000 महिलाओं पर हुआ। इसके आधार पर कहा गया कि दूसरों की खुशी सेलिब्रेट करने से आशा का भाव पैदा होता है, जिससे दिल सहित कई गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। शोध में यह भी कहा गया है कि कैंसर और पक्षाघात जैसी गंभीर बीमारियों से होने वाली समय से पहले मौत का खतरा भी इससे कम हो जाता है। एक अन्य शोध में भी यही बात कही गई है कि आशा भावनात्मक और शारीरिक दोनों तरह के स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है।
दरअसल दूसरों की सफलता पर खुशी मनाने से संतोष का भाव पैदा होता है। इससे कड़वाहट कम होती है और संपूर्णता का एहसास होता है। अगर आप टीम के साथ काम करते हैं तो साथियों की सफलता सेलिब्रेट करने से अपनी टीम के सदस्यों के साथ आपके संबंध बेहतर होते जाते हैं। इससे टीम मैंबर्स का भी आपके प्रति व्यवहार सकारात्मक और बेहतर हो जाता है। इस तरह आपके पास भी अच्छा काम करने के अवसर आने लगते हैं। जब हम दूसरों की सफलता को सेलिब्रेट करते हैं तो हमारे भीतर भी एक तरह का विल पावर विकसित होता है। ध्यान रखने की बात यह है कि अन्य लोगों की सफलता भी आपको फायदा पहुंचा सकती है। दूसरों को उनकी सफलता पर बधाई देने से आपका सोशल दायरा बढ़ता है। आप चाहें तो उन्हें गिफ्ट देकर इन संबंधों को और मजबूत कर सकते हैं। एक सबसे अहम बात यह है कि जब आप सफलता की अच्छी खबर अपने परिवार या अपने आसपास के लोगों के साथ साझा करते हैं तो इससे वातावरण पॉजिटिव हो जाता है।