Tuesday, November 28, 2017

शिनाख्त के लिए नहीं रहेगी ‘चौधरियों’ की जरूरत, सरकार कर रही बायोमैट्रिक प्रक्रिया पर विचार

साभार: जागरण समाचार
सरकारी कामकाज में अक्सर लोगों की शिनाख्त की जाती है। इस काम के लिए नंबरदारों, पंचों व सरपंचों पर निर्भर रहना पड़ता है। भविष्य में यह व्यवस्था खत्म होनी वाली है। सरकार इस योजना पर काम कर रही है और
जल्द ही शिनाख्त की प्रक्रिया डिजिटल होने वाली है। इसके बाद शिनाख्त का काम आधार के जरिये होगा। यानी बायोमैट्रिक सिस्टम पर अंगूठा लगाते ही शिनाख्त हो जाया करेगी। हालांकि मोबाइल कंपनियों ने तो यह व्यवस्था काफी दिन पहले ही अपना ली है। यही मायने में शिनाख्त का यह सबसे आसान व साफ सुथरा तरीका है, जिसमें गड़बड़ी होने की संभावना शून्य रहती है। जबकि मौजूदा व्यवस्था में कई तरह की दिक्कतें रहती है। खासकर, तहसील कार्यालय व पुलिस विभाग से जुड़े कार्यों में आवेदक की शिनाख्त की आवश्यकता रहती है। शिनाख्त के लिए नंबरदार, पंच या सरपंच को बुलाया जाता है। यदि कोई शहर में रहता है तो पार्षद शिनाख्त कर देता है। कई बार जमीनी मामलों में करीबी रिश्तेदार या परिवार के लोग भी शिनाख्त कर देते हैं। लेकिन ऐसी शिनाख्त में हेराफेरी की संभावना ज्यादा रहती है। कई बार शिनाख्त अपने हस्ताक्षर करके भी मुकर जाते हैं। मामला कोर्ट में जाने के बाद यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि शिनाख्ती फर्जी थे या असली। लोग अपने हस्ताक्षरों तक से मुकर जाते हैं। उसके बाद हस्ताक्षरों की जांच की प्रक्रिया भी लंबी हो जाती है। इस कारण बहुत सारे मामलों में शिकायत आती है कि शिनाख्त करने वाले लोग फर्जी थे। गलत तरीके से शिनाख्त करने पर सजा तक होती हैं। इन तमाम झंझटों को कम करने के लिए सरकार डिजिटल सिस्टम अपना सकती है। 
  • आज सरकार तमाम सेवाओं को आनलाइन कर रही है और सभी सुविधाओं को आधार से लिंक किया जा रहा है। लोगों की शिनाख्त के संदर्भ में काफी शिकायतें आती हैं। लोग फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हैं। इसलिए सरकार आधार से शिनाख्त पर विचार कर रही है। यह तरीका जल्द शुरू होने की संभावना है। माना जा रहा है कि इससे काफी राहत महसूस होगी। -हरदीप सिंह, उपायुक्त फतेहाबाद 

ये होगा लोगों को फायदा: अगर शिनाख्त की प्रक्रिया डिजिटल यानी आधार से होती है तो लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके बाद लोगों पंचों, सरपंचों व नंबरदारों के नखरे नहीं ङोलने पड़ेंगे। इसके अलावा शिनाख्त के लिए लोगों को शिनाख्त साथ लेकर आना पड़ता है। इस परेशानी से मुक्ति मिलेगी। मोबाइल कंपनियां ऐसा ही करती हैं।डिजिटल शिनाख्त में व्यक्ति के बायोमैट्रिक मशीन पर अंगूठे या उंगलियों के निशान ले लिए जाते हैं। उस मशीन को आनलाइन सिस्टम से जोड़ दिया जाता है। इससे उंगली रखते ही आधार कार्ड की डिटेल कंप्यूटर की स्क्रीन पर आ जाती है। उसमें व्यक्ति का फोटो, नाम, पता, मोबाइल नंबर ¨फगर ¨पट्र सबकुछ होता है। इस विधि से शिनाख्त में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती। अगर किसी की आधार कार्ड में डिटेल ही गलत है तो उस व्यक्ति को बाकी सुविधाएं भी नहीं मिल सकतीं।