साभार: भास्कर समाचार
भारत की पांच महिला बॉक्सरों ने वर्ल्ड यूथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रविवार को गोल्ड मेडल जीते। इसके अलावा, भारत के खाते में दो ब्रॉन्ज
भी आए। टूर्नामेंट के 38 साल के इतिहास में यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत पहली बार ओवरऑल चैंपियन बना। भारत में पहली बार हो रही चैंपियनशिप में नीतू, ज्याेति गुलिया, साक्षी चौधरी, अंकुशिता बोरो और शशि चोपड़ा ने अपने-अपने वर्ग की फाइनल बाउट जीती। वहीं, नेहा यादव (81+ किग्रा) और अनुपमा (81 किग्रा) को ब्रॉन्ज से संतोष करना पड़ा। इससे पहले, 2014 में सोफिया (बुल्गारिया) में खेले गए टूर्नामेंट में भारत को एक ब्रॉन्ज मिला था। भारत ने 2011 के बाद टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता। तब, सरजूबाला देवी ने स्वर्ण पदक जीता था। 48 किग्रा में नीतू ने कजाखस्तान की जाजिरा उराकबायेवा को हराकर गोल्ड जीता। ज्योति ने 51 किग्रा की बाउट में रूस की एकेतरिना मोलचानोवा को पटखनी दी। साक्षी ने 54 किग्रा वर्ग में इंग्लैंड की इवी जेन स्मिथ को 3-2 से हराकर स्वर्ण पर कब्जा किया। वहीं, शशि को 57 किग्रा की अपनी फाइट में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी और उन्होंने 3-2 से जीत दर्ज की। दिन की आखिरी बाउट अंकुशिता बोरो ने जीती। उन्होंने 64 किग्रा में रूस की एकातेरिना ड्यानिक को 3-2 से मात दी। भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने स्वर्ण विजेता खिलाड़ियों को दो-दो लाख रुपए देने की घोषणा की।
भारतीय बॉक्सर ज्योति ने 51 किग्रा का गोल्ड जीतकर यूथ ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया है। यूथ ओलिंपिक अगले साल ब्यूनस आयर्स में खेला जाएगा। वे चैंपियनशिप से यूथ ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली इकलौती बॉक्सर हैं।