Thursday, November 30, 2017

हनीप्रीत का वह कबूलनामा: गुरमीत की मां और विपासना इंसां भी साजिश में शामिल

साभार: भास्कर समाचार
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और साध्वी यौन शोषण मामलें में रोहतक की सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत सिंह की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत ने अपने कबूलनामे में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इस
कबूलनामे को एसआईटी ने कोर्ट में चालान के साथ पेश किया है। जिसमें बताया गया है कि डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपासना इंसां और गुरमीत सिंह की मां नसीब कौर भी 17 अगस्त को डेरे में हुई बैठक में मौजूद थीं। 
इसलिए उनकी भूमिका भी संदिग्ध पाई जा रही है। पुलिस उनसे कभी भी पूछताछ कर सकती है। हालांकि डेरा चेयरपर्सन की तो गिरफ्तारी की भी संभावना है। वहीं, गुरमीत सिंह के पीए राकेश कुमार ने भी अपने कबूलनामें में बताया है कि उसे भी डेरे की ओर से ही नपुंसक बनाया गया था। दरअसल पुलिस की एसआईटी ने पंचकूला कोर्ट में हनीप्रीत सहित सभी 15 आरोपियों का कबूलनामा लगाया है। पुलिस ने अपने चालान में बताया है कि डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपासना इंसां की इस पूरे मामलें में भूमिका पाई गई है। वहीं कहा गया है कि गुरमीत की मां नसीब कौर, जो महिला आश्रम सिरसा में रहती हैं, को भी इस पूरे मामले की जानकारी थी। सारी प्लानिंग डेरे से ही 17 अगस्त को चली है। लिहाजा इन लोगों को भी आरोपी बनाया गया है, पुलिस इनसे पूछताछ कर सकती है। इसके अलावा पानीपत से रणबीर सिंह, कैथल निवासी हरीकेश, सिरसा से हरदम सिंह और अमरीक सिंह , उमेद इंसां, पूर्ण सिंह,फूल कुमार, मोहिंदर इंसा, को गिरफ्तार किया जाना बाकी है। 
गुरमीत का पीए राकेश बोला- डेरे में बनाया गया नपुंसक: राकेश कुमार ने अपने कबूलनामे मंे बताया है कि उसने 7-8 वर्ष की आयु में ही डेरे का नाम ले लिया था वह डेरे में सेवा करता था। यहां उसे लंगर का काम दिया गया था। जब उसने सही काम किया तो उसे गुरमीत सिंह का पीए बना दिया गया। इसके चलते वह हर समय गुरमीत सिंह के साथ होता था। वह सभी मीिटंगों में शामिल होता था। वर्ष 2000 में डेरे के कहने पर ही उसे नपुंसक बना दिया गया। 
पढ़िए…हनीप्रीत का वह कबूलनामा, जो एसआईटी ने कोर्ट में पेश किया: 

मेरे पापा जी ने डेरा से नाम दान ले रखा था। माता जी कमर दर्द से परेशान रहती थीं। डेरे में आने के बाद वह बिना ऑपरेशन ठीक हो गईं। इसके बाद मैंने भी 1995 में संत गुरमीत राम रहीम से नाम दान ले लिया। उन्होंने मुझे बेटी बना लिया। डेरे में रहने के कारण मेरी पिताजी और उनके परिवार के साथ नजदीकियां बढ़ गई थीं। मैंने पिताजी के साथ मिलकर कई फिल्में बनवाईं। डेरे से संबंधित सभी कार्यों में पिता जी के बाद मेरे द्वारा तैयार की गई योजना चलने लगी। डेरा सच्चा के लिए अच्छा काम काम करने वाले को हम राज्य अनुसार 45 सदस्य कमेटी या जिला अनुसार 25 सदस्य कमेटी में शामिल कर देते थे। जिससे डेरा सच्चा सौदा द्वारा राज्यों में संबंधित नाम चर्चा घरों से भी डेरा को अच्छी आय हो जाती थी। पिताजी के विरुद्ध याैन शोषण का मामला पंचकूला सीबीआई में चल रहा था, जिसका दिनांक 25-8-2017 को सीबीआई कोर्ट, पंचकूला से फैसला आना था। पिताजी के विरुद्ध आने वाले फैसले के संबंध में 17-8-2017 को मैंने आदित्य इंसा ने डेरा की तरफ से बनाई गई पदाधिकारियों/जिम्मेवारों के साथ डेरा में एक मीटिंग की थी। इस मीटिंग में डेरा के प्रवक्ता दिलावर सिंह, पंवन इंसा, महिंद्र सिंह गोबिन जसबीर सिबीर सिंह, गोपाल, सुरेंद्र धीमान, गोबीराम, राकेश इंसां, रामसिंह चेयरमैन और अर्श अरोड़ा आईटी विंग, बलराज सिंह तथा दान सिंह जोकि पिताजी के डेरा के सभी केसों की पैरवी करता है और डेरा के अन्य काफी पदाधिकारी शामिल हुए थे। उस मीटिंग में यह योजना बनाई थी कि फैसला बाबा जी के हक में करवाने की नीयत से सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। इसके लिए लिए डेरा से बनाए गए जिम्मेदार व्यक्तियों के माध्यम से हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पंजा से संगत डेरा प्रेमियों को इकट्‌ठा करके पंचकूला लाया जाएगा। यदि फिर भी फैसला पिताजी के विरूद्ध आता है तो पंचकूला अन्य जगह पर इकट्‌ठा लोगों को उत्साहिक करके/तोड़ फोड़ करवाई जाएगी और पिता जी को कोर्ट कांम्प्लैक्स से ही फरार करवा लिया जाएगा। चमकौर सिंह की ड्यूटी संगत इकट्‌ठा करवाने तथा आगजनी, तोड़फोड़ करवाने के लिए लगाई थी। पिताजी को भगाने की जिम्मेवारी राकेश पीए, ड्राइवर फूल सिंह, प्राइवेट पीएसओ प्रीत सिंह और पंजाब पुलिस के पीएसओ कर्मजीत की लगाई गई थी। पंचकूला के इंतजाम के लिए डेरा की तरफ से सवा करोड़ रुपए मैंने बेअंत कौर कैशियर से राकेश पीए के माध्यम से चमकौर को भी दिलवाए थे। तय योजना के अनुसार सभी सदस्यों ने सक्रिय होकर अपना-अपना कार्य करना शुरू कर दिया था। इसीबीच पंचकूला में बढ़ती भीड़ को देखकर किसी व्यक्ति ने हाईकोर्ट में जनहित में याचिका डाल दी थी। हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई शुरू करने के कारण हमारे ऊपर दबाव बनने लगा था। जिसके चलते हमने पिताजी से संगत को वापस जाने के लिए एक अपील व्हाट्सएप पर डलवाकर वायरल करवा दिया था। लेकिन डेरा के जिम्मेदार व्यक्तियों के माध्यम से उन्हें मौखिक संदेश दिलवा दिया था कि आप डटे रहो आपने कहीं नहीं जाना। पिताजी को सजा होने के बाद मेरे विरूद्ध भी केस होने के कारण पुलिस मुझे तलाश करने लग गई थी। जिस कारण मैं अपनी डेरा सेवादार सुखदीप कौर उफ्र जींदु पत्नी बगड़ सिंह के घर बठिंडा, में रही थी। इसी दौरान मैंने वकील के कहने पर संगत को दोबारा अपने साथ जोड़ने की नीयत से भावुक होकर एक्टिंग करते हुए एक वीिडयो वायरल किया था। वो वीडियो बठिंडा में सुखदीप के घर पर बनाई थी। जिस मोबाइल से वह वीडियो बनाई थी, वह मैने सुखदीप को दिया था। 25-8-2017 के बाद मैं अपनी साथियों आदित्य इंसां, पवन इंसां, नवीन नागपाल उर्फ गोबीराम के साथ यूपी चचीया नगरी, चंबा हिमाचल प्रदेश, कोटा राजस्थान, श्री मुक्तसर साहिब पंजाब में अलग-अलग ठिकानों पर छिप कर रही हूं।