Wednesday, November 29, 2017

भ्रष्टाचार रोकने को सभी विभागों-बोर्ड-कार्पोरेशनों में नियुक्त होंगे सीवीओ, जिनका नाम-पता-मोबाइल नंबर वेबसाइट पर होगा प्रदर्शित

साभार: भास्कर समाचार
राज्य में निचले स्तर के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने एक बार फिर कवायद शुरू की है। इस कड़ी में सभी विभागों, बोर्ड, कॉरपोरेशन और आयोगों में चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) लगाए जाने के
निर्देश दिए गए हैं। हालांकि कुछ विभागों और बोर्डों में अभी भी सीवीओ लगे हुए हैं, लेकिन उनमें कई इतने जूनियर अधिकारी लगा दिए गए हैं कि उनसे करप्शन रोकने में खास मदद नहीं मिल रही है। अब स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने आग्रह किया है कि सभी जगह विभागाध्यक्ष से नीचे (दूसरे नंबर) के किसी अधिकारी को ही सीवीओ बनाया जाए। साथ ही इनके नाम, पते और मोबाइल नंबर वेबसाइट पर भी प्रदर्शित किए जाएं। इसके साथ ही सभी कार्यालयों में सार्वजनिक स्थलों पर भी भ्रष्टाचार के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश, शिकायत करने के लिए सीवीओ का नाम, पद नाम, मोबाइल नंबर और ई-मेल आदि भी प्रदर्शित करने होंगे। 
उल्लेखनीय है कि विभागों, बोर्ड, कॉरपोरेशन आदि में निचले स्तर के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल ही प्रभावी कदम उठाते हुए लंबे समय बाद विजिलेंस महकमे को मुख्य सचिव से अलग किया है। फिलहाल इस महकमे का अतिरिक्त कार्यभार एसीएस स्तर के अधिकारी को दिया गया है। बाद में इसमें स्वतंत्र रूप से एसीएस अथवा प्रिंसिपल सेक्रेटरी लगाए जाने की संभावना है। 

इंजीनियरिंग महकमों में तकनीकी अधिकारी ही होंगे सीवीओ: स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने स्पष्ट किया है कि इंजीनियरिंग से जुड़े विभाग, बोर्ड, कॉरपोरेशन अथवा आयोगों में तकनीकी अधिकारी को ही सीवीओ बनाया जाए। क्योंकि वहां तकनीकी मामलों में भ्रष्टाचार पर वही प्रभावी रोक लगा सकते हैं। 
अगले माह दी जाएगी भ्रष्टाचार रोकने की ट्रेनिंग: ब्यूरो प्रवक्ता ने बताया कि सीवीओ की दिसंबर में वर्कशॉप लगाई जाएगी। इसमें उन्हें बताया कि वे अपने विभाग में भ्रष्टाचार पर कैसे अंकुश लगा सकते हैं। ऐसे कर्मचारियों पर निगरानी रखनी होगी, जो संदेहजनक हो। जो कर्मचारी पहले रिश्वत के मामले में पकड़ गए हों अथवा नामजद हुए हों। अगर, किसी कर्मचारी के बारे में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी। ऐसे संदिग्ध निष्ठा वाले कर्मियों की सूचियां बनाकर स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को नियमित रूप से भेजनी होंगी, ताकि ब्यूरो उन पर भी निगरानी भी रखी जा सके। इसके साथ ही विभाग में भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतें निर्धारित प्रपत्र में हर तिमाही आधार पर स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को भिजवानी होंगी।