नोटबंदी जीएसटी से विकास दर में गिरावट पर घिरी सरकार के लिए मंगलवार को राहत की खबर आई। वर्ल्ड बैंक की 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' रैंकिंग में देश ने लंबी छलांग लगाई है। 190 देशों में भारत 100वें स्थान पर
गया है। पिछले साल 130वें पायदान पर था। किसी बड़ी इकोनॉमी की रैंकिंग में इतना सुधार पहले कभी नहीं हुआ। रिपोर्ट में कहा है कि टैक्स, लाइसेंसिंग, इन्वेस्टर की सुरक्षा बैंकरप्सी जैसे कानूनों में सुधार से हालात सुधरे हैं। रिपोर्ट में नोटबंदी जीएसटी के असर को शामिल नहीं किया गया है।
वर्ल्ड बैंक के अनुसार 10 मानकों में से 8 में सुधार हुआ है। लेकिन कोर्ट में सुनवाई काफी धीमी होती है। वर्ल्ड बैंक 15 साल से यह रैंकिंग कर रहा है। अभी तक जॉर्जिया और रवांडा जैसे छोटे देशों की रैंकिंग में ही एक बार में इतना बड़ा सुधार आया है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में ऐसा करने वाला भारत पहला देश है। वर्ल्ड बैंक का कहना है कि भारत ने दो साल में कई बड़े कदम उठाए हैं। उनके नतीजे अब दिख रहे हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि टैक्स और छोटे निवेशकों की सुरक्षा के मामले में सबसे ज्यादा सुधार आया है। उन्होंने कहा कि भारत में शीर्ष 50 देशों में शामिल होने की क्षमता है।
फियो के पूर्व प्रेसिडेंट एससी रल्हन ने कहा कि आयात-निर्यात की प्रक्रिया आसान नहीं हुई है। विश्व बैंक को पैरामीटर दोबारा रिव्यू करना चाहिए। कारोबारियों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी.के. जोशी ने कहा कि कंस्ट्रक्शन परमिट में अभी काफी सुधार की गुंजाइश है।
फियो के पूर्व प्रेसिडेंट एससी रल्हन ने कहा कि आयात-निर्यात की प्रक्रिया आसान नहीं हुई है। विश्व बैंक को पैरामीटर दोबारा रिव्यू करना चाहिए। कारोबारियों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी.के. जोशी ने कहा कि कंस्ट्रक्शन परमिट में अभी काफी सुधार की गुंजाइश है।