मंगलवार को सरकार की तरफ से कहा कि कोर्ट चाहे तो विचाराधीन 293 मेवात के 59 पदों को रिजर्व रख कर बाकि टीचर्स को नियुक्ति देने का आदेश दे सकती है। विवाद केवल शेष हरियाणा की 293 मेवात के 59 पदों को
लेकर है। ऐसे में सभी नियुक्तियों पर रोक लगाना सही नहीं है। हाईकोर्ट ने इस पर सभी नियुक्तियों पर रोक के आदेश को वापस लेते हुए विवादित पदों को फिलहाल भरने की बात कही है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हिसार निवासी जोगेंद्र सिंह अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि 9455 जेबीटी भर्ती में उनका चयन हो गया था। हरियाणा सरकार ने उन्हें जिला भी अलाट कर दिया था, लेकिन अंगूठा जांच में फेल दर्जनों जेबीटी टीचरों ने हाईकोर्ट मधुबन एफएसएल की तकनीकी जांच की रिपोर्ट में उनको अन्य को अयोग्य करार दिया गया। इसके बाद सरकार ने उनको नियुक्ति देने से मना कर दिया। बहस के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि मधुबन एफएसएल ने अपनी तकनीकी जांच में मेवात कैडर के 59 शेष राज्य के 293 टीचरों को अयोग्य करार दिया। लेकिन जांच रिपोर्ट में कुछ साफ जानकारी नहीं दी गई। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से आग्रह किया कि उनके सभी दस्तावेज सही है और बिना किसी आधार पर अयोग्य करार लिखने से नियुक्ति नहीं रोकी जा सकती।
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साभार: भास्कर समाचार
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