Friday, July 21, 2017

चीन मुद्दे पर दुनिया हमारे साथ : सुषमा

चीन के बढ़ते तीखे तेवर को लेकर भारत ने भी अपनी कूटनीतिक लामबंदी बढ़ा दी है। सिक्किम-भूटान सीमा पर चार वर्ष पहले भारत के साथ किये समझौते का उल्लंघन करने के बाद चीन जिस तरह से आक्रामक तेवर
अपनाए हैं उसे लेकर दुनिया के कई देशों ने चिंता जताई है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर, ब्रिटेन जैसे देशों ने इस पूरे मामले पर भारत की तरफ से दिखाई गई परिपक्वता की तारीफ भी की है। वैसे इस कूटनीतिक दावपेंच के बावजूद भारत ने चीन को इशारों में यह भी समझा दिया कि वह हर तरह की चुनौती से निपटने को तैयार हैं। भारत ने यह भी चीन को बता दिया कि मौजूदा तनाव दूर करने के लिए दोनों देशों को कदम उठाने होंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। भारत और चीन के बीच जारी विवाद के डेढ़ महीने बाद गुरुवार को सुषमा स्वराज ने इस पर पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राज्य सभा में प्रश्न काल के दौरान एक पूरक सवाल के उत्तर में कहा कि भारत चीन के साथ सीमा विवाद का हल बातचीत के जरिये करना चाहता है। लेकिन इसके लिए पहले दोनों देशों को डोकलाम से अपनी सेनाओं को पीछे लेना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने चीन के साथ जारी विवाद पर कई देशों को बताया है और इन देशों ने माना है कि भारत का पक्ष सही है। वे इस बात को समझ रहे हैं कि कानून भारत के साथ है। बाद में विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने भी कूटनीतिक स्तर पर दूसरे देशों के साथ की जा रही बातचीत का हवाला दिया लेकिन उन्होंने ब्योरा देने से मना किया। बताते चलें कि पिछले दिनों चीन ने भी बीजिंग में दूसरे देशों के दूतावासों के प्रतिनिधियों से मिल कर अपनी बात काफी आक्रामक तरीके से रखी थी। सुषमा स्वराज ने कहा कि चीन ने मनमाने तरीके से सिक्किम-भूटान सीमा (डोकलाम) को लेकर जारी विवाद पर स्थिति में बदलाव की कोशिश की है। लेकिन चीन की तरफ से यह कोशिश भारत की सुरक्षा के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
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साभार: जागरण समाचार 
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