Thursday, July 27, 2017

मैनेजमेंट: छात्रों को घर जैसा अहसास देना नया बिज़नेस

एन. रघुरामन (मैनेजमेंट गुरु)
शायद चेन्नई की उस लोकल ट्रेन में मैं अलग नज़र रहा था। नहीं तो वह व्यक्ति सीधे मेरे पास नहीं आता। उसने विशुद्ध मराठी में मुझसे तमिलनाडु के शहर कांचीपुरम की दूरी पूछी। संतोषजनक जवाब मिलने के बाद उसने
मुझे बताया कि तमिलनाडु की यह उनकी पहली यात्रा है। वे अपने बेटे को कॉलेज में भर्ती कराने आए हैं। बातचीत के दौरान मुझे एहसास हुआ कि वे अकेले नहीं हैं, उनके जैसे कई लोग हैं जो तमिल भाषा के बारे में कुछ नहीं जानते, फिर भी अपने बच्चों को इस राज्य के कॉलेज में भर्ती करने का जोखिम ले रहे हैं। मैं सोच रहा था कैसे ये महत्वाकांक्षी बच्चे उस जगह रहेंगे जो खान-पान और सामाजिक आचार-व्यवहार में एकदम भिन्न है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। तब उन्होंने मुझे कई स्टार्टअप्स के बारे में बताया जो स्थान मुहैया कराने के काम में 2015 से लगे हैं और अच्छा काम कर रहे हैं। त्वरित सर्फिंग से पता चला कि यूनिवर्सिटी लिविंग, अंबर स्टूडेंट, योहो, योर स्पेस, वडस्टे, जैसी कई कंपनियां हैं जो छात्रों को रहने की सुविधाएं देने के कारोबार में लगी हैं। चार वर्षों के लिए उनके रहने और अन्य जरूरतें ये पूरा करती हैं। ये कंपनियां किराये पर जगह लेती हैं, 24x7 की सुख-सुविधाओं के अनुसार इसे तैयार करती हैं, जिसमें हाउस जिम, सलून, लाइब्रेरी होती है। इसे स्टूडेंट हाउसिंग स्पेस कहा जाता है। फिलहाल ये बड़े शहरों पर फोकस कर रहीं हैं, लेकिन जयपुर जैसे दूसरी पंक्ति और कोटा मणिपाल जैसे तीसरी-चौथी पंक्ति के शहरों में भी सुविधा दे रहे हैं। रियल एस्टेट कन्सलटेंसी ने छात्रों के रहवास को 10 अरब डॉलर का बाजार बताया है। शिक्षा के लिए करीब 3.4 करोड़ छात्र रहने के लिए स्थान की तलाश में हैं। विशेष रूप से 10 राज्यों में जहां, 60 प्रतिशत मांग अभी भी पूरी नहीं हो पा रही है। ये दस वो राज्य हैं जो अच्छी शिक्षा मुहैया कराने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इनमें छात्रों के रहने और भोजन की सुविधा वाजीब भाव पर उपलब्ध नहीं है। 
हालांकि, इसमें छोटे प्लेयर भी हैं, लेकिन 5000 से 25,000 तक रेट वाले बड़े प्लेयर बुलाने पर डॉक्टर के आने, चौबीस घंटे सुरक्षा, फिटनेस क्लास, काउंसलिंग एक्सपर्ट की क्लास, हाउसकीपिंग और पसंद के खाने जैसे सुविधाएं देते हैं। इनमें नौकरों से लेकर इलेक्ट्रिक सामान और घरों के इक्यूपमेंट सुधारने वाले तक होते हैं। उदाहरण के तौर पर वडस्टे एक कंपनी है, जिसके पास देश में ऐसी 1000 प्रॉपर्टी है। इसमें छात्रों और कामकाजी लोगों तक के रहने की सुविधा है। 
बड़े व्यवसाय 18 से 21 प्रतिशत तक का मुनाफा कमा रहे हैं। 100 कमरों से कम वाले छोटे बिज़नेस 25 से 35 प्रतिशत तक लाभ कमा रहे हैं। अधिकतर बड़े प्लेयर एग्रीगेटर्स की तरह हैं, जो लंबे समय के लिए अलग-अलग प्रॉपर्टी लीज और किराये पर लेकर उन्हें सुविधायुक्त बनाकर छात्रों को किराये पर देते हैं। ये विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के साथ भी लंबे समय के लिए एग्रीमेंट कर रहे हैं और कॉलेज के दिनों में जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने का वादाकर छात्रों के लिए स्थान की प्री-बुकिंग कर रहे हैं। छात्र बड़े प्लेयर्स में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। उनकी आधारभूत सुविधाओं के कारण नहीं, बल्कि इसलिए कि वे अपनी ऊर्जा छात्रों के लिए कम्यूनिटी बनाने में लगा रहे हैं, जिसमें वे जुड़ सकते हैं साथ-साथ आगे बढ़ सकते हैं। कम से कम चार साल के लिए। 
भारत में मोटे तौर पर यह असंठित बाजार है। इसमें ब्रोकर 15 दिन का किराया छात्रों को उन लोगों से मिलाने के बदले ले लेता है, जिन्हें अपनी जगह किराये पर देनी है। इनवेस्टर भी इन छात्रों पर नजर रखते हैं और अपना पैसा लगाते हैं, क्योंकि इसमें निश्चित रूप से 18 प्रतिशत रिटर्न मिलता है। 

फंडा यह है कि छात्रों के लिए रहवासी आवास 10 अरब डॉलर का बाजार है। नए आंत्रप्रेन्योर्स को इसका लाभ लेना चाहिए। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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