Saturday, July 29, 2017

स्कूल ऑन व्हील्स, नई पहल: एक बस बढ़ा रही शिक्षा की गाड़ी

साक्षरता अभियान को घर-घर तक पहुंचाने की नई व अनूठी पहल झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में शुरू की गई है। यहां बस बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के लिए नहीं, बल्कि खुद एक चलते-फिरते स्कूल की तरह है।
इस स्कूल में गरीब बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई के साथ और भी बहुत कुछ सीखते हैं। इस बस का नाम स्कूल ऑन व्हील्स रखा गया है। बस में बच्चों की शैक्षिक गतिविधियों के लिए हर सामग्री उपलब्ध है। छोटी सी लाइब्रेरी है तो किताबें भी हैं। अटैच्ड स्टडी टेबल, मूवीज टूल, लर्निग टूल, खेल सामग्री, खिलौने-सब कुछ इसमें हैं। बस में ही बच्चों के लिए क्लास रूम भी बनाए गए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इस क्लास रूम में फोल्ड करने लायक बेंच-डेस्क हैं यानी उन्हें हटाकर बस को बच्चों को खेलने का ठिकाना भी बना दिया जाता है। 
आसपास के क्षेत्रों में इस बस की चर्चा है। स्कूल ऑन व्हील्स बस्तियों में जाकर बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित तो करता ही है, गांवों में लोगों को साक्षर बनाने का काम भी करता है। पीपल फॉर चेंज नामक संस्था की पहल पर शुरू किए गए इस स्कूल के जरिये कई ड्रॉपआउट बच्चों को फिर से स्कूलों से जोड़ने में सफलता मिली है। इसकी मदद से दर्जनों बच्चे साक्षर हो चुके हैं। इसी का असर है कि आज पूर्वी सिंहभूम में शिक्षा विभाग की फाइलों में ड्रापआउट का आंकड़ा जीरो है।
XLRI के छात्रों ने डिजाइन किया पाठ्यक्रम : स्कूल ऑन व्हील्स में पढ़ाने का अंदाज भी जरा हटकर है। इसमें बच्चों को ए फॉर एप्पल नहीं पढ़ाया जाता, बल्कि कभी कॉमिक्स से मॉरल ऑफ द स्टोरी सिखाई जाती है तो कभी खेल-खेल में अंग्रेजी के शब्द सिखाए जाते हैं। कभी फिल्में दिखाई जाती हैं तो कभी आर्ट के जरिये सीखने का मौका दिया जाता है।
इस तरह चलता है यह स्कूल: जिले में इस स्कूल की शुरुआत मार्च 2017 में हुई। संगठन से छह स्वयंसेवक स्थायी रूप से जुड़े हैं, जबकि बच्चों को पढ़ाने के लिए एक्सएलआरआइ के छह छात्र समय-समय पर अपनी सेवाएं देते हैं। बस्ती में बच्चों को पढ़ाने के लिए संगठन के लोग किसी भी कॉलेज से संपर्क कर इच्छुक छात्रों को साथ ले लेते हैं। इस तरह कॉलेज छात्र भी शिक्षा दान करते हैं।
पीपल्स फॉर चेंज के स्वयंसेवकों को ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। स्कूल ऑन व्हील्स को टीएमएल ड्राइव लाइंस व शिक्षा प्रसार केंद्र के सहयोग से तैयार किया गया है। जहां यह स्कूल पहुंचता है, वहां शिक्षा से वंचित लड़कियों पर ज्यादा फोकस किया जाता है। -सौभिक साव, पीपल्स फॉर चेंज के संस्थापक ट्रस्टी
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साभार: जागरण समाचार 
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