भारत ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी की उस दलील को नामंजूर कर दिया कि दोनों देशों के बीच सार्थक बातचीत के लिए डोकलाम क्षेत्र से भारतीय सेना को बिना शर्त पीछे हटना होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले
ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली के संवाददाता के सवाल के जवाब में कहा कि भारत ने डोकलाम मुद्दे पर अपने रुख और हल खोजने के तरीके को स्पष्ट कर दिया है जिससे इसका शांतिपूर्ण ढंग से समाधान हो सके। दाेनों देशों के बीच एक पूर्व निर्धारित प्रणाली है। शंघाई सहयोग संगठन की अस्ताना शिखर बैठक के दौरान मतभेदों को विवाद नहीं बनने देने पर सहमति हुई थी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बीजिंग चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में भारत की 'खुली विदेश आर्थिक नीति' की तारीफ की है। डोकलाम को लेकर चल रहे विवाद के बीच चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि भारत विदेशी निवेश को अपनी तरफ आकर्षित करने में लगातार सफल हो रहा है। उसने अपने यहां विदेशी निवेश के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाया है। इसके साथ ही यह देश पिछले 2 वर्षों के दौरान दुनिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के सबसे बड़े गंतव्य के रूप में उभरा है। भारत एक सक्रिय विदेश नीति लागू कर रहा है।
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साभार: भास्कर समाचार
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