देश में भीड़ द्वारा हमले के बढ़ते मामलों पर विपक्ष ने गुरुवार को सरकार को घेरने की कोशिश की। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश में इस तरह का माहौल बनाने और इस मसले पर दोहरा
रुख अपनाने का आरोप लगाया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इस मसले पर राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री गोरक्षकों पर अंकुश लगाने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के तत्व शामिल हैं। इस मसले पर सदन में बहस में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि 2017 में सबसे ज्यादा हत्या के मामले हुए हैं और पशु वध पर रोक से चमड़ा उद्योग के साथ ही साबुन और शैंपू उद्योग पर बुरा असर पड़ा है।
सिब्बल ने कहा-मैंने सोशल मीडिया पर जघन्य हिंसा रूह कंपा देने वाले जो तस्वीरें देखी हैं, उससे मैं स्तब्ध हूं। पिछले 50 सालों में हमने ऐसी तस्वीरें नहीं देखी थी। उन्होंने पूछा कि इसके पीछे क्या भावना हो सकती हैं। हिंसा के 97 फीसदी मामले क्यों 2017 में ही हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी भावनाएं भड़काने वाले मोदी ही हैं। उन्होंने मोदी के तीन भाषणों का उल्लेख किया।
सिब्बल को संसद की परंपरा का ध्यान रखना चाहिए - नकवी: संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कपिल सिब्बल के आरोपों के जवाब में कहा कि सिब्बल ने प्रधानमंत्री मोदी के जिन भाषणों को जिक्र किया है, उसे उन्हें प्रमाणित करना चाहिए। अन्यथा इसे सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के जिक्र पर भी आपत्ति उठाई। उन्होंने कहा कि यह परंपरा है कि सदन में उन लोगों के बारे में जिक्र नहीं किया जाता जो यहां मौजूद नहीं होते या जो अपना बचाव नहीं कर सकते।
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साभार: भास्कर समाचार
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