साभार: जागरण समाचार
महाराष्ट्र दिवस पर बुधवार को राज्य के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जनपद के जाम्बुरगढ़ क्षेत्र में हुए नक्सलियों के एक बड़े हमले में पुलिस की विशेष कमांडो फोर्स के 15 जवान शहीद हो गए। विशेषकर नक्सल
प्रभावित गढ़चिरौली जनपद के लिए बनाई गई क्विक रेस्पांस टीम (क्यूआरटी) के ये जवान एक निजी वाहन से जा रहे थे, जिसे नक्सलियों ने आइईडी विस्फोट से उड़ा दिया। हमले में उक्त वाहन का चालक भी मारा गया है। एक दिन पहले ही नक्सलियों ने इसी क्षेत्र में सड़क निर्माण में लगे 36 वाहन जला दिए थे। गढ़चिरौली में 20 दिन में यह दूसरा नक्सली हमला है।
महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक सुबोध जायसवाल के अनुसार, बुधवार दोपहर करीब एक बजे माओवादी चरमपंथियों द्वारा यह लैंडमाइन विस्फोट कुरखेड़ा से छह किलोमीटर दूर किया गया। इस स्थान से कुछ दूर पर ही पिछले साल 22 अप्रैल को इसी कमांडो यूनिट ने एक ऑपेरशन में 40 प्रमुख नक्सलियों को मार गिराया था। नक्सली पिछले हफ्तेभर से मारे गए अपने इन्हीं साथियों की बरसी मना रहे थे। खुफिया सूत्रों ने सूचना दी थी कि इस दौरान नक्सली किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सली हमले में महाराष्ट्र की क्विक रेस्पांस टीम (क्यूआरटी) के 15 जवानों की मौत से सकते में आई केंद्र सरकार अब नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए गृह मंत्रलय समेत सभी सुरक्षा एजेंसियां महाराष्ट्र सरकार से लगातार संपर्क में हैं। चुनाव प्रचार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर साफ कर दिया कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से बात करके हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। तूफान फेनी से निपटने की तैयारियों में जुटे गृह सचिव राजीव गौबा ने नक्सली हमले की सूचना मिलते ही तत्काल नक्सल प्रबंधन विभाग और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की। महाराष्ट्र के डीजीपी और मुख्य सचिव से हालात की जानकारी लेने के बाद उन्होंने गृह मंत्रलय के अधिकारियों को राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क में रहने के निर्देश दिए।
जवानों को फंसाने के लिए जलाए थे 36 वाहन: माना जा रहा है कि पुलिस बल को अपने जाल में फंसाने के लिए ही नक्सलियों ने मंगलवार को इसी क्षेत्र में कुरखेड़ा-कोरची मार्ग के निर्माण में लगे 36 वाहन जला दिए थे। इस घटना के बाद ही बुधवार को कमांडो यूनिट के ये जवान निजी वाहन से उस क्षेत्र में जा रहे थे। इस हमले के बाद राजभवन में आयोजित महाराष्ट्र दिवस समारोह रद कर दिया गया।
20 दिन पहले भी किया था हमला: 20 दिन पहले ही विदर्भ की सात सीटों पर मतदान से एक दिन पहले 10 अप्रैल को नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया था। नक्सलियों द्वारा किया गया यह हमला गढ़चिरौली स्थित इटापल्ली के गट्टा क्षेत्र में हुआ था। उससे एक दिन पहले ही छत्तीसगढ़ के नक्सली हमले में एक भाजपा विधायक की मृत्यु हो गई थी।
ग्रामीणों के विरोध से नाराज थे नक्सली: अप्रैल के प्रथम सप्ताह में गढ़चिरौली के कोचिनारा, बुटेकासा एवं सातपुती क्षेत्रों में नक्सलियों ने मतदान बहिष्कार के बैनर-पोस्टर लगाए थे। जिसे स्थानीय ग्रामीणों द्वारा जला दिया गया था। तभी से माना जा रहा था कि नक्सली इसकी प्रतिक्रिया में कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। लेकिन क्षेत्र में मतदान शांतिपूर्ण निपटा, मतदान प्रतिशत भी बढ़ा। बता दें कि महाराष्ट्र के धुर पूरब स्थित गढ़चिरौली जनपद की सीमाएं नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से मिली हुई हैं। पिछले दिनों ही ‘दैनिक जागरण’ से बात करते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने दावा किया था कि सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यो एवं सुरक्षाबलों की सख्ती के कारण 11 राज्यों के 90 जिलों में फैला नक्सलवाद अब छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों तक सीमित रह गया है।