Wednesday, May 1, 2019

एक और दुष्कर्मी का इलाज: बलात्कारी आसाराम के "कपूत" नारायण साईं को उम्रकैद, सहयोगियों को भी सजा

साभार: जागरण समाचार  
सूरत की एक सत्र अदालत ने मंगलवार को आसाराम के बेटे नारायण साई को 2013 के दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। 2013 से ही लाजपोर जेल में बंद 47 वर्षीय साई के अलावा दो महिलाओं सहित उसके
चार सहयोगियों को भी अलग-अलग सजा सुनाई गई है। पिता आसाराम पहले ही एक दुष्कर्म मामले में जोधपुर की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पीएस गढ़वी ने साई को उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ पीड़िता को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने 26 अप्रैल को साई को आइपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक धमकी) और 120-बी (साजिश) के तहत दोषी ठहराया था।
Image result for narayan saiजोधपुर दुष्कर्म मामले में आसाराम को हो चुकी है सजा: आसाराम को जोधपुर की अदालत दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहरा चुकी है। वह जोधपुर की जेल में बंद है। सूरत की महिला की ओर से दर्ज कराए गए मामले की सुनवाई गांधीनगर कोर्ट में चल रही है।
यह था मामला: 2013 में राजस्थान में एक लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोप में आसाराम की गिरफ्तारी के बाद सूरत निवासी दो बहनों ने आसाराम और उसके बेटे पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। बड़ी बहन ने आसाराम पर 1997 से 2006 के बीच यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उस दौरान वह अहमदाबाद में आसाराम के आश्रम में रहती थी। छोटी बहन ने साई पर 2002 से 2005 के बीच यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। उस दौरान वह आसाराम के सूरत के जहांगीरपुरा क्षेत्र में स्थित आश्रम में रहती थी। सूरत पुलिस ने 2014 में साई के खिलाफ 1100 पृष्ठों का आरोप-पत्र दायर किया था। साई के जेल में रहने के दौरान सूरत पुलिस ने पुलिस अधिकारियों, डॉक्टरों और यहां तक कि न्यायिक अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश का पर्दाफाश करने का दावा किया था। उसने अपने खिलाफ मामला कमजोर करने की साजिश रची थी।  
इन्हें भी मिली सजा: 
  • धर्मिष्ठा उर्फ गंगा और भावना उर्फ जमुना: साई की सहयोगी। 10 साल की कैद। साजिश में हिस्सेदार बनने व गैरकानूनी रूप से पीड़िता को बंधक बनाने और साई के कहने पर उसकी पिटाई करने का दोषी।
  • पवन उर्फ हनुमान: साई का सहयोगी। 10 साल की कैद। साजिश में हिस्सेदार बनने का दोषी।
  • राजकुमार उर्फ रमेश मल्होत्रा: साई का ड्राइवर। छह माह की कैद। आइपीसी की धारा 212 (अपराधी को संरक्षण देना) के तहत दोषी।