साभार: जागरण समाचार
भारतीय सेना ने हिमालय की पहाड़ियों में हिम मानव येती के पदचिह्न् देखने का दावा किया है। सेना का कहना है कि सैन्य पर्वतारोहियों के एक दल ने बर्फ पर पैरों के विशाल निशान देखे। वैज्ञानिक समुदाय येती को मिथक
मानता है। हालांकि नेपाल में इससे जुड़ी बहुत सी कहानियां प्रचलित हैं। माना जाता है कि हिम मानव हिमालय की ऊंची बर्फीली चोटियों के बीच कहीं रहते हैं।
भारतीय सेना ने तीन तस्वीरों के साथ ट्वीट किया है। तस्वीरें माउंट मकालू के नजदीक स्थित एक कैंप के पास खींची गई हैं। इनमें 32 इंच लंबे और 15 इंच चौड़े पदचिह्न् देखे जा सकते हैं। मेजर मनोज जोशी के नेतृत्व में 18 सैनिकों का दल दो अप्रैल को माउंट मकालू के पर्वतारोहण पर गया था। वहां नौ अप्रैल को उन्होंने विशाल रहस्यमयी पदचिह्न् देखे।
सेना ने ट्वीट में लिखा, ‘पहली बार भारतीय सैन्य पर्वतारोहियों ने मिथकीय जीव येती के पैरों के रहस्यमयी निशान देखे हैं।’ सेना ने कहा है कि तस्वीरों और वीडियो को विशेषज्ञों के पास परीक्षण के लिए भेजा जाएगा, जिससे इनके बारे में ज्यादा जानकारी मिल सके।
सबसे ऊंची चोटियों में शुमार है मकालू: माउंट एवरेस्ट से 19 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में नेपाल और तिब्बत सीमा पर स्थित मकालू दुनिया की पांचवीं सबसे ऊंची चोटी है। इसकी ऊंचाई 8,485 मीटर है। यह मकालू-बरुन घाटी के पास है। येती की तलाश में यहां कई बार शोधकर्ता भी आ चुके हैं।
येती पर भी राजनीति शुरू: येती के पदचिह्न् दिखने के सेना के ट्वीट के बाद इस पर राजनीतिक रंग भी चढ़ने लगा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘भाजपा को अब इस दिशा में सोचना चाहिए कि इसका इस्तेमाल चुनाव में कैसे किया जा सकता है।’ वहीं भाजपा नेता तरुण विजय ने सेना के ट्वीट में येती को रहस्यमयी जानवर लिखे जाने पर आपत्ति जताई। ट्विटर पर अन्य यूजर्स ने भी येती पर जमकर ट्वीट किए।
दशकों से लुभाती रही हैं येती की कहानियां: लंबे बालों वाले विशालकाय हिम मानव की कहानियां दशकों से पर्वतारोहियों को लुभाती रही हैं। सर एडमंड हिलेरी समेत कई पर्वतारोही इनके पैरों के निशान देखने का दावा कर चुके हैं। 2008 में पश्चिमी नेपाल में चढ़ाई से लौटे जापानी पर्वतारोहियों ने भी रहस्यमयी पदचिह्न् देखने का दावा किया था। हालांकि तमाम कैमरों के बावजूद वे येती की कोई तस्वीर नहीं ले सके थे। अमेरिका में दो व्यक्तियों ने कहा था कि उन्हें आधे मानव, आधे वानर के अवशेष मिले थे। बाद में सामने आया कि वे अवशेष रबर से बने गोरिल्ला के थे।