अमेरिका ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को भारी बहुमत से पारित कर दिया है। प्रतिनिधि सभा में 419 सदस्यों ने पक्ष और तीन ने विरोध में
मत डाला। अब इसे सीनेट के पास भेजा जाएगा। ऊपरी सदन से पारित होने और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद यह अमल में आ जाएगा। विधेयक के प्रचंड बहुमत से पारित होने के कारण राष्ट्रपति ट्रंप को रूस पर लगे प्रतिबंध में ढील देने से पहले संसद की मंजूरी लेनी होगी। रूस और ईरान ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जबकि उत्तर कोरिया ने इस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। वहीं, चीन ने इसका विरोध किया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रतिनिधि सभा में प्रस्ताव पर मंगलवार को मतदान हुआ। इसमें तीनों देशों के खतरनाक और लड़ाकू रवैये के कारण अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के हितों को नुकसान पहुंचने की बात कही गई है। विधेयक का उद्देश्य रूस को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने और सीरिया एवं यूक्रेन में आक्रामक सैन्य कार्रवाई के लिए दंडित करना है। ईरान पर आतंकवाद का लगातार साथ देने का आरोप लगाया गया है। सीनेट में उत्तर कोरिया को दंडित करने के प्रावधान पर चर्चा होने की संभावना है। उत्तर कोरिया द्वारा हाल में इंटर कांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने से अमेरिका में भारी नाराजगी है। ट्रंप ने मंगलवार को ही ओहायो में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ईरान पर अप्रत्यक्ष तौर पर हमला बोला है।
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साभार: जागरण समाचार
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