टेररफंडिंग मामले की जांच कर रही एनआईए ने रविवार को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े अहम ठिकानों पर छापे मारे। इस दौरान हुर्रियत चीफ अली शाह गिलानी के करीबी दविंदर सिंह बहल को टीम ने अरेस्ट कर लिया।
बहल गिलानी के लीगल सेल में एडवाइजर है। साथ ही उसने जम्मू-कश्मीर पीस फोरम नाम से संस्था भी बनाई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सुबह करीब 11 बजे टीम ने जम्मू के बख्शी नगर स्थित बहल के घर पर दबिश दी। शाम करीब पांच बजे तक टीम उसके घर को खंगालती रही। उसके घर से कई अहम कागजात, 4 मोबाइल फोन, एक टैबलेट और कई इलेक्ट्रॅानिक डिवाइस बरामद किए। सूत्रों का कहना है कि उसके घर से बड़ी मात्रा में कैश भी मिला है। हालांकि कैश मिलने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
मूल रूप से राजौरी जिले के नौशहरा के रहने वाले बहल पर एनआईए की काफी वक्त से नजर थी। वह आठ साल से बख्शी नगर में रह रहा है। उसका परिवार राजौरी में रही रहता है। वह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के टॉप लीडर्स का बेहद करीबी है। वह आतंकियों के जनाजे में भी शामिल होता आया है। उसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि उससे कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं। मारे गए आतंकी के जनाजे में हिज्बुल कमांडर रयाज भी पहुंचा। कंधे पर राइफल टांगे रयाज ने लोगों को आगाह किया कि लश्कर आजादी की लड़ाई को कमजोर कर रहा है। साथ ही कहा कि पाकिस्तान का विरोध करने वाले उनके दोस्त कभी नहीं हो सकते।
7 लोग पहले ही शिकंजे में: एनआईए ने 24 जुलाई को टेरर फंडिंग केस में कश्मीर के 7 अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया था। इनमें बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह (अल्ताफ फंटूश), अयाज अकबर, टी. सैफुल्लाह, मेराज कलवल और शहीद-उल-इस्लाम शामिल हैं। अल्ताफ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी का दामाद है। एनआईए की कार्रवाई के बीच बजरंग दल वर्कर बहल के घर के पास इकट्ठा हो गए। अलगाववादियों के खिलाफ नारेबाजी की।
हुर्रियत के लिए करता रहा काम: एनआईए का मानना है कि बहल हुर्रियत नेताओं के लिए कूरियर का काम करता है। सूत्रों का कहना है कि 2005 में हुए कश्मीर तनाव में भी उसका रोल रहा है। उमर फारुक से भी उसके लिंक हैं। 2007 में उसने अपनी संस्था बनाई। उसके बाद से वह जम्मू में काम कर रहा है। उसके रिकाॅर्ड की कई दिनों से जांच हो रही थी। उसके पाकिस्तान में बैठे हुर्रियत के दूसरे आकाओं से भी रिश्ते हो सकते हैं। बुधवार को अलगाववादी नेता शब्बीर शाह को गिरफ्तार किया था। बाद में कोर्ट ने उसे सात दिन के लिए ईडी की कस्टडी में भेज दिया था। शब्बीर पर भी टेरर फंडिंग में शामिल होने का आरोप है।
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साभार: भास्कर समाचार
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