टेरर फंडिंग केस में एनआईए ने कश्मीर के 7 अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया है। इनमें बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह (अल्ताफ फंटूश), अयाज अकबर, टी सैफुल्लाह, मेराज कलवल और शहीद-
उल-इस्लाम शामिल हैं। अल्ताफ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के दामाद हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसी साल मई में ये खबर सामने आई थी कि तीन अलगाववादी नेताओं ने एनआईए को पूछताछ में बताया है कि उन्हें घाटी में आतंक फैलाने के लिए पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई पाक स्थित आतंकी संगठनों से फंड मिलता है।
जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेता फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे को दिल्ली में जबकि बाकी अलगाववादी नेताओं को श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया। अयाज अकबर भी सैयद अली शाह गिलानी के करीबी हैं, अयाज तहरीक-ए- हुर्रियत के प्रवक्ता भी हैं। जबकि शहीद-उल-इस्लाम हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के प्रवक्ता हैं। इस धड़े के प्रमुख लीडर मीरवाइज उमर फारूक हैं।
मई में हुई थी पूछताछ: एनआईए ने नईम खान, गाजी जावेद बाबा और बिट्टा कराटे को मई में दिल्ली बुलाकर पूछताछ की थी। उसी दौरान इन्होंने पाक से फंडिंग की बात मानी थी। तहरीक-ए-हुर्रियत के नेता बाबा और जेकेएलएफ के नेता कराटे से श्रीनगर में भी 4 दिनों तक पूछताछ की थी। कश्मीर में हिंसा के लिए हवाला चैनलों के जरिए फंड जुटाने के आरोप पर सवाल किए गए थे।
एनआईए की एक टीम गिरफ्तार 6 अलगाववादी नेताओं को लेकर सोमवार को श्रीनगर से दिल्ली पहुंची। अब इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। अलगाववादी नेताओं पर आरोप है कि इन्हें कश्मीर में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, स्कूलों और अन्य सरकारी संस्थानों को जलाने जैसी हरकतों के लिए लश्कर चीफ हाफिज सईद से पैसा मिलता है। घाटी में सुरक्षा बलों पर पत्थर बरसाने के लिए हुर्रियत नेताओं को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों और पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई दोनों से फंडिंग होती है। एनआईए ने इस मामले में फिलहाल 13 लोगों के खिलाफ सबूत जुटाए हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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