Wednesday, July 26, 2017

चीन ने अजीत डोभाल को बताया डोकलाम विवाद का मुख्य षड्यंत्रकर्ता

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल को डोकलाम विवाद का 'मुख्य षड्यंत्रकर्ता' बताया है। अखबार ने कहा कि डोभाल की चीन यात्रा से विवाद के
समाधान में मदद नहीं मिलेगी। वहीं, चाइना डेली डोकलाम मसले के शांतिपूर्ण हल की उम्मीद जता रहा है। डोभाल ब्रिक्स के एनएसए की बैठक में भाग लेने इस सप्ताह चीन जा रहे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 27-28 जुलाई को होने वाली बैठक में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के एनएसए शामिल होंगे। डोभाल के अपने चीनी समकक्ष येन जेइची से सीमा विवाद के मसले पर बातचीत करने की उम्मीद है। ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है कि डोभाल की यात्रा से सीमा विवाद का समाधान नहीं होने वाला है। चीन तब तक बात नहीं करेगा जबतक सीमा पर से भारतीय सेना पीछे हट जाए। भारत को अपने भ्रम को दूर करना चाहिए।  
चाइना डेली को डोभाल की यात्रा से उम्मीद: चाइना डेली ने लिखा है, 'अभी भी उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच गतिरोध शांतिपूर्वक खत्म हो सकता है। यही दोनों देशों के हित में भी होगा।' अखबार ने भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर के उस बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देश आपसी मतभेदों को विवाद में तब्दील नहीं होने देंगे। अखबार लिखता है कि डोभाल की यात्रा से भारत की पिछली नीति में बदलाव सकता है। 
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को कहा कि सीमा पर हालिया विवाद के लिए भारत जिम्मेदार है और उसकी सेना को डोकलाम क्षेत्र से हट जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि भारतीय अधिकारियों ने भी स्वीकार किया है कि चीन की सेना भारत के क्षेत्र में नहीं घुसी है। चीन के शीर्ष नेता ने पहली बार विवाद पर टिप्पणी की है। वांग ने कहा, 'सही और गलत क्या है, यह पूरी तरह स्पष्ट हो चुका है और यहां तक कि वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने खुले तौर पर कहा है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं किया।' 
भारत को सबक सिखाने का समय - चीनी एक्सपर्ट: यूनिवर्सिटी ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस एंड इकोनॉमिक्स के प्रो. जॉन गोंग ने ग्लोबल टाइम्स में लिखा है कि यह समय है कि भारत को दूसरा सबक सिखाया जाए क्योंकि वह दुराग्रह कर रहा है। डोकलाम में विवाद पर चीनी लोगों का संयम टूट रहा है। ऐसे बेलगाम पड़ोसी को उसी भाषा में जवाब मिलना चाहिए जिसे वह समझ सके। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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