रोडवेज बसों में सीट के संकट से जूझने वाले यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। अब परिचालक वाली सीट भी यात्रियों की ही होगी। बता दें कि इससे पूर्व रोडवेज बस में एक नंबर सीट परिचालकों के लिए आरक्षित थी। ऐसे
में यात्री भले ही खड़े होकर सफर करें, लेकिन परिचालक इस सीट पर आराम फरमाते थे। मगर अब ऐसा नहीं होगा। इसके अलावा रोडवेज के वरिष्ठ अधिकारी भी सीट नंबर -1 का लाभ नहीं उठा पाएंगे। इस संदर्भ में डीजी ने सभी डिपो के रोडवेज महाप्रबंधकों को पत्र जारी कर निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही सख्त रूप से हिदायतें दी हैं कि अगर कोई भी रोडवेज अधिकारी या परिचालक इस सीट का लाभ उठाता पाया गया तो उस पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। गौरतलब है कि रोडवेज बसों में सीट नंबर -1 को लेकर यात्रियों और कर्मचारियों के बीच विवाद रहता था, जिस कारण कई बार मारपीट की घटनाएं भी होती थीं। कई यात्रियों ने तो इस संदर्भ में सीएम ¨वडो में भी शिकायत दी हुई है। यात्रियों का तर्क था कि रोडवेज बसों में कई बार सवारियों की संख्या इतनी बढ़ जाती थी कि वरिष्ठ नागरिकों से लेकर महिलाओं को भी खड़े होकर सफर करना पड़ता था। तो दूसरी ओर परिचालक टिकट काटने के बाद आरक्षित सीट का फायदा उठाते हुए उस सीट पर बैठ जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, डीजी की ओर से परिचालक की आरक्षित सीट को खत्म कर दिया गया है।
डीजी ने दिए आदेश, स्टाफ को सीट का नहीं मिलेगा आरक्षण: इस सीट को लेकर शिकायत आने के बाद लिया गया फैसलारोडवेज बसों में सीट नंबर 1 जोकि आरक्षित थी, उसको खत्म कर दिया गया है। साथ ही डिपो में आदेश जारी कर दिए हैं। नियम का उल्लंघन करने पर कर्मचारी पर एक हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है। 1- खूबीराम कौशल, रोडवेज महाप्रबंधक।
सीट के ऊपर लिखा स्टाफ शब्द को हटाया जाएगा: डीजी ने डिपो के सभी रोडवेज महाप्रबंधकों को पत्र जारी कर आदेश जारी कर दिए हैं। पत्र में साफतौर पर लिखा गया है कि सीट के ऊपर लिखा स्टाफ शब्द को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए, जिस कारण अब सीट पर आम नागरिक ही बैठ सकेगा। अगर जांच में सीट के ऊपर स्टाफ शब्द लिखा पाया गया तो रोडवेज जीएम से लेकर कर्मशाला प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
में यात्री भले ही खड़े होकर सफर करें, लेकिन परिचालक इस सीट पर आराम फरमाते थे। मगर अब ऐसा नहीं होगा। इसके अलावा रोडवेज के वरिष्ठ अधिकारी भी सीट नंबर -1 का लाभ नहीं उठा पाएंगे। इस संदर्भ में डीजी ने सभी डिपो के रोडवेज महाप्रबंधकों को पत्र जारी कर निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही सख्त रूप से हिदायतें दी हैं कि अगर कोई भी रोडवेज अधिकारी या परिचालक इस सीट का लाभ उठाता पाया गया तो उस पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। गौरतलब है कि रोडवेज बसों में सीट नंबर -1 को लेकर यात्रियों और कर्मचारियों के बीच विवाद रहता था, जिस कारण कई बार मारपीट की घटनाएं भी होती थीं। कई यात्रियों ने तो इस संदर्भ में सीएम ¨वडो में भी शिकायत दी हुई है। यात्रियों का तर्क था कि रोडवेज बसों में कई बार सवारियों की संख्या इतनी बढ़ जाती थी कि वरिष्ठ नागरिकों से लेकर महिलाओं को भी खड़े होकर सफर करना पड़ता था। तो दूसरी ओर परिचालक टिकट काटने के बाद आरक्षित सीट का फायदा उठाते हुए उस सीट पर बैठ जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, डीजी की ओर से परिचालक की आरक्षित सीट को खत्म कर दिया गया है।
डीजी ने दिए आदेश, स्टाफ को सीट का नहीं मिलेगा आरक्षण: इस सीट को लेकर शिकायत आने के बाद लिया गया फैसलारोडवेज बसों में सीट नंबर 1 जोकि आरक्षित थी, उसको खत्म कर दिया गया है। साथ ही डिपो में आदेश जारी कर दिए हैं। नियम का उल्लंघन करने पर कर्मचारी पर एक हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है। 1- खूबीराम कौशल, रोडवेज महाप्रबंधक।
सीट के ऊपर लिखा स्टाफ शब्द को हटाया जाएगा: डीजी ने डिपो के सभी रोडवेज महाप्रबंधकों को पत्र जारी कर आदेश जारी कर दिए हैं। पत्र में साफतौर पर लिखा गया है कि सीट के ऊपर लिखा स्टाफ शब्द को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए, जिस कारण अब सीट पर आम नागरिक ही बैठ सकेगा। अगर जांच में सीट के ऊपर स्टाफ शब्द लिखा पाया गया तो रोडवेज जीएम से लेकर कर्मशाला प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.