Monday, July 31, 2017

15 अगस्त के बाद शुरू होना है जनसेवा सर्वे, कर्मचारियों और अध्यापकों का ड्यूटी से इंकार

मेरे घुटनों में दर्द है, डोर टू डोर सर्वे नहीं कर सकता। मेरी रीढ़ की हड्डी में दर्द है। मुझे 5 महीने पहले हार्टअटैक आया था, अभी इलाज चल रहा है। मेरी 5 वर्ष की बेटी है, स्कूल के बाद उसे संभालना होता है। मुझे कंप्यूटर
चलाना नहीं आता, टैबलेट में डाटा फीड नहीं कर सकता। स्कूल में टीचर कम हैं, मेरे सर्वे करने से पढ़ाई प्रभावित होगी। इस तरह के ही कारण जनसेवा सर्वे में ड्यूटी लगने पर कर्मचारी शिक्षक गिना रहे हैं। प्रदेश के हर परिवार को यूनिक आईडी देने के लिए 15 अगस्त के बाद स्टेट रेजीडेंट डाटा बेस (एसआरडीबी) यानी जनसेवा सर्वे शुरू किया जाना है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। डोर टू डोर जाकर 113 प्वाइंट की डिटेल टैबलेट में फीड करने के लंबे-चौड़े काम से बचने के लिए 60 फीसदी कर्मचारी अजीबो-गरीब बहाने भी बना रहे हैं। मानदेय केवल 5 रुपए होने से भी कर्मचारी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। इनकी आॅब्जेक्शन फाइलों को निपटाने में ही अधिकारी उलझे हुए हैं। इस वजह से अभी तक लक्ष्य से आधे कर्मचारियों की ही ड्यूटी तय हो पाई है। ऐसे में चार बार टल चुके सर्वे के 15 अगस्त के बाद भी शुरू होने पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। 
जनसेवा सर्वे में तैनात किए जाने वाले शिक्षकों को समझाया गया है। इन्हें हर व्यक्ति को सर्वे में शामिल करने के लिए मानदेय भी दिया जाना है। इसके लिए काफी कर्मचारी सहयोग भी कर रहे हैं। जहां थोड़ी समस्या है उनके विभागों में अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा। - ब्रह्मप्रकाश,जिला राजस्व अधिकारी, रोहतक। 
शिक्षकों ने दिया 5 तक का अल्टीमेटम, प्रशासन बोला-ड्यूटी देनी पड़ेगीविधानसभा चुनाव में ड्यूटी लगाने के चलते एक कर्मचारी को फाइनल रिहर्सल के बाद ही हार्टअटैक गया था, ऐसे में अब अधिकारी कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। इस वजह से हर ऑब्जेक्शन फाइल को बारीकी से देखा जा रहा है। वहीं, जेबीटी शिक्षकों ने सर्वे करने के लिए धरने-प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। ट्रेनिंग का बहिष्कार किया जा रहा है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान रामराज कादयान ने कहा कि आरटीई के तहत गैर शैक्षणिक कार्यों में टीचरों की ड्यूटी नहीं लग सकती। 5 अगस्त तक शिक्षकों की ड्यूटी नहीं हटाई गई तो आंदोलन का ऐलान किया जाएगा। वहीं, प्रशासन ने साफ कह दिया है कि 5 से कम शिक्षकों वाले स्कूल से भी टीचर सर्वे के लिए लेंगे। जो ड्यूटी नहीं देगा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। 
कृषि और बिजली कर्मचारी कर रहे आनाकानी: कृषि विभाग के 12 एडीओ की ड्यूटी लगाई गई, इनमें से एक ने भी आकर पंजीकरण नहीं करवाया। अब ड्यूटी कटवाने की एप्लीकेशन दे रहे हैं। वहीं, बिजली निगम के 319 कर्मचारियों में से 25 की ड्यूटी लगाई, लेकिन 6 ने ही ज्वाइन किया। 
मई से ही लगा रहे बचने की एप्लीकेशन: जनसेवा सर्वे का काम पहले मई में शुरू होना था, इसके लिए 5 मई को ही पंजीकरण करना शुरू कर दिया गया। ऐसे में कुछ कर्मचारियों ने मई से ही मेडिकल देना शुरू किया है। पहले 20 दिन का मेडिकल दिया, फिर 10 दिन का रेस्ट मांगा। अब सर्वे ही 15 अगस्त के बाद होना है। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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